चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष पद छोड़ेंगे मोदी
नई दिल्ली, [प्रशांत मिश्र]। भाजपा में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी जून में मिला चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष पद छोड़ने ...और पढ़ें

नई दिल्ली, [प्रशांत मिश्र]। भाजपा में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी जून में मिला चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष पद छोड़ने जा रहे हैं। बहुत संभव है कि भाजपा के चुनाव अभियान का शीर्ष पद ले चुके मोदी अगले एक हफ्ते में इस बाबत अपने फैसले का एलान भी कर दें। रेवाड़ी में बड़ी रैली संबोधित करने के बाद मोदी आज सीधे दिल्ली पहुंचे। यहां उनकी पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर मंत्रणा हुई। पार्टी अध्यक्ष से अपना मंतव्य जताने के बाद मोदी ने डॉ. मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की। बाद में वह राम जेठमलानी से उनके घर मिलने गए, जहां आडवाणी भी पहुंच चुके थे। जेठमलानी दोनों के बीच बढ़ी दूरियों को पाटने में पुल की भूमिका निभा रहे हैं। जेठमलानी की कोशिश है कि दोनों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघले, जबकि मोदी के लिए भी अब सबको जोड़कर चलने की चुनौती है।
पढ़ें: राष्ट्रीय नेतृत्व ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है
मोदी के चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष पद छोड़ने से उन्हें पूरे देश में व्यापक प्रचार का मौका और स्वतंत्रता मिल सकेगी। चुनाव प्रचार के लिए गांधीनगर में विभिन्न क्षेत्रों से पहुंच रही उनकी मांग के चलते मोदी के लिए समिति के कामकाज के साथ न्याय संभव भी नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि एक वक्त इस तरह की मांग कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए हुआ करती थी। मोदी के अभियान समिति का पद छोड़ने पर इसकी कमान सीधे पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के हाथ में होगी। मोदी का यह कदम पार्टी के भीतर सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देने में उनकी मदद करेगा। साथ ही एक साथ कई पदों पर रहने के आरोप भी दूर होंगे। इससे मोदी के पास एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत की लकीर बड़ी करने का भी अवसर होगा। वैसे भी मोदी का फोकस अब पूरे देश पर है। उन्होंने अपना कैनवास बड़ा कर लिया है।
महत्वपूर्ण है कि मोदी को 9 जून, 2013 को पार्टी की चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इस एलान से नाराज होकर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस्तीफा भी दे दिया था। हालांकि, बाद में उन्हें मना जरूर लिया गया था, लेकिन मोदी को लेकर वरिष्ठ नेता पूरी तरह सहज नहीं हो पाए थे। बीते सप्ताह पार्टी नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार के तौर पर मोदी के नाम का एलान किया तो भी आडवाणी की नाराजगी साफ नजर आ गई। हालांकि, अबकी बार उनके निशाने पर सीधे मोदी के बजाए पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह थे। 13 सिंतबर को फैसले के एलान से पहले भाजपा प्रमुख ने आडवाणी से मुलाकात में उन्हें सिर्फ निर्णय की जानकारी दी थी। जिस पर आडवाणी ने पत्र के जरिए पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ अपने रोष का इजहार किया था।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।