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    मोदी ने ब्लॉग के जरिये गुजरात दंगे पर तोड़ी चुप्पी

    By Edited By:
    Updated: Fri, 27 Dec 2013 09:25 PM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गुजरात दंगा मामले में कोर्ट से राहत मिलते ही भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी तो एक सधे राजनीतिज्ञ की तरह हर कसौटी पर खुद को खरा साबित करने की कोशिश की। जनता के सामने अपना दिल चीरकर दिखाया, तो प्रशासनिक दृढ़ता भी साबित करने की कोशिश की। विकास के लिए सद्भाव की जरूरत बताकर सांप्रदायिकता के आरोप को नकारा, तो पिछले 12 वर्ष से खुद को दोषी ठहराने के लिए परोक्ष रूप से कांग्रेस के साथ अन्य विरोधी दलों को भी कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूके।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गुजरात दंगा मामले में कोर्ट से राहत मिलते ही भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी तो एक सधे राजनीतिज्ञ की तरह हर कसौटी पर खुद को खरा साबित करने की कोशिश की। जनता के सामने अपना दिल चीरकर दिखाया, तो प्रशासनिक दृढ़ता भी साबित करने की कोशिश की। विकास के लिए सद्भाव की जरूरत बताकर सांप्रदायिकता के आरोप को नकारा, तो पिछले 12 वर्ष से खुद को दोषी ठहराने के लिए परोक्ष रूप से कांग्रेस के साथ अन्य विरोधी दलों को भी कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूके।

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    उन्होंने दंगे को अमानवीय करार देते हुए भ‌र्त्सना की और इसकी बातें बंद करने की अपील की। राजनीतिक जीवन पर लगे सबसे बड़े धब्बे से मोदी मुक्त हुए तो शुक्रवार को भाइयों और बहनों के संबोधन से एक ब्लॉग लिखकर जनता तक संदेश पहुंचाने की कोशिश कुछ इसी अंदाज में की।

    ब्लॉग में मोदी एक व्यक्ति के रूप में भावुक दिखे, जिसका दिल दंगे में मारे जा रहे लोगों के लिए रोता है, तो एक प्रशासक के रूप में धैर्यवान भी होता है। मोदी ने शायद पहली बार दंगे को अमानवीय और बेवजह हत्या करार देते हुए इसकी निंदा भी कर दी। गौरतलब है कि बड़ी तादाद में लोग आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी 2002 की घटना के लिए दुख तक नहीं जताते हैं।

    अपने लंबे ब्लॉग में मोदी ने हर सवाल का जवाब दिया, तो कांग्रेस का नाम लिए बिना ही उसे जनता की नजरों में दोषी ठहराने का प्रयास भी किया। अपनी पीड़ा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भुज के भूकंप के बाद दंगे ने उन्हें अंदर तक हिला दिया था।

    पढ़ें: गुजरात दंगा मामले में मोदी को कोर्ट से भी क्लीन चिट

    उन्होंने कहा, 'दुख, दर्द, पीड़ा, रोष जैसे शब्द उस दशा का वर्णन नही कर सकते हैं, लेकिन मुझे इसका भी अहसास था कि शीर्ष पर बैठे व्यक्ति को तो अपना दिल दिखाने की भी इजाजत नहीं होती है। मैं उन दर्दनाक क्षणों से गुजरा हूं।' कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि ऐसी दशा में भी उन्हें अपने ही गुजराती भाई-बहनों का हत्यारा करार दे दिया गया। गौरतलब है कि कांग्रेस मोदी को मौत का सौदागर भी करार दे चुकी है।

    कांग्रेस के उस बयान के बाद मोदी और ताकतवर होकर उभरे थे। यही कारण था कि गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ऐसे बयानों से बचती रही थी। कोर्ट से मुक्त होने के बाद मोदी ने ही जनता को इसकी याद दिला दी।

    धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर भाजपा के पुराने सहयोगियों के भी निशाने पर रहे मोदी ने यह संकेत भी दे दिया कि वह सबको साथ लेकर चलने की मंशा रखते हैं। विकास तभी संभव है, जब समाज में सद्भाव हो। इसी मंशा के साथ उन्होंने गुजरात का भी विकास किया।

    भूकंप और दंगे के वक्त भी जब उन पर चौतरफा वार हो रहा था, वह अपना कर्तव्य जानते थे। दंगों से सख्ती से निपटा और सब को साथ लेकर विकास किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ उन्होंने झेला है वह किसी समाज और देश में न घटे। साथ ही अब इस मुद्दे को भूल जाने की अपील की।

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