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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ में किया कामकाज का बंटवारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काम से ऊपर कुछ नहीं। अपने कार्यकाल के दौरान नतीजे देने का वादा कर चुके मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] में भी कामकाज इसी हिसाब से बांट दिया है। अध्यादेश के जरिये प्रधानमंत्री के सचिव बने नृपेंद्र मिश्र को जहां विकास और बुनियादी ढांचे की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं राष्

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 07:51 AM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ में किया कामकाज का बंटवारा

नई दिल्ली, [राजकिशोर]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काम से ऊपर कुछ नहीं। अपने कार्यकाल के दौरान नतीजे देने का वादा कर चुके मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] में भी कामकाज इसी हिसाब से बांट दिया है। अध्यादेश के जरिये प्रधानमंत्री के सचिव बने नृपेंद्र मिश्र को जहां विकास और बुनियादी ढांचे की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को परमाणु मामलों के साथ विदेश नीति का प्रमुख रूप से जिम्मा दिया गया है। मोदी ने जवाबदेही के साथ कामकाज के इस बंटवारे में तमाम पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए अतिरिक्त प्रमुख सचिव पीके मिश्र को कैबिनेट बैठकों में कैबिनेट सचिव के साथ बैठने की जिम्मेदारी देकर बड़ा संदेश दिया है।

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यह पहली बार होगा कि कैबिनेट की बैठकों में प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट सचिव के साथ कोई अन्य नौकरशाह होगा। अतिरिक्त प्रधान सचिव का पद भी पहली बार पीएमओ में सृजित हुआ है। पहले सिर्फ प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद ही होता रहा है। मोदी ने अपना प्रधान सचिव भी ट्राई के पूर्व अध्यक्ष रहे नृपेंद्र मिश्र को चुना था। उनकी नियुक्ति के लिए सरकार ने अध्यादेश का सहारा भी लिया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने कैबिनेट सचिव अजीत सेठ को छह माह का सेवा विस्तार दे दिया था। इस लिहाज से अब वह दिसंबर में रिटायर होंगे।

मंत्रिमंडल की बैठकों में कैबिनेट सचिव के साथ अतिरिक्त प्रधान सचिव मिश्र को भी बैठाने की नौकरशाहों के बीच खासी चर्चा है। यही नहीं, कैबिनेट सचिवालय की बैठकों में भी मिश्र पीएमओ की तरफ से मौजूद रहेंगे। इसे सिर्फ मिश्र का रुतबा बढ़ना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री की नतीजे देने वाली सोच का हिस्सा माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कामकाज के बंटवारे का फैसला कई दिन पहले कर चुके हैं और इसी हिसाब से सब काम भी कर रहे हैं। उनके फैसले को सरकार के शीर्ष पदस्थ लोगों के लिए संदेश माना जा रहा है। इसका सार है कि मोदी के लिए काम ही अहम है। सरकार में आए हुए लोग यदि प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उन्हें किनारे करने में भी कोई मुरव्वत नहीं की जाएगी।

अतिरिक्त प्रमुख सचिव पीके मिश्र का बढ़ा रुतबा

पार्टी और सरकार के बीच बेहतर तालमेल के लिए हर दिन कम से कम एक केंद्रीय मंत्री भाजपा मुख्यालय में उपलब्ध रहेगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं के सुझावों और शिकायतों को सुनने के लिए इस काम की शुरुआत बुधवार से हो जाएगी। भाजपा ने तय किया है कि बेहतर प्रशासन के लिए महीने में एक बार हर मंत्री पार्टी कार्यालय में बैठेगा। भारी उद्योग राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन 30 जुलाई की शाम चार से छह बजे तक भाजपा मुख्यालय में रहकर इसकी शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो जुलाई को पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर यह पहल की थी। गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री संजीव कुमार बलियान पार्टी मुख्यालय में बैठेंगे जबकि शुक्रवार को वाणिज्य व उद्योग, वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण उपलब्ध रहेंगी।


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