Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    12 साल बाद नानावती आयोग ने सौंपी रिपोर्ट

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Wed, 19 Nov 2014 09:47 AM (IST)

    नानावती आयोग ने 12 वर्षों की जांच के बाद गुजरात दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट मंगलवार को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंप दी। विधानसभा के अगले सत्र में इसको सदन के पटल पर रखने के बाद सार्वजनिक किया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति जीटी नानावती और

    गांधीनगर, राज्य ब्यूरो। नानावती आयोग ने 12 वर्षों की जांच के बाद गुजरात दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट मंगलवार को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंप दी। विधानसभा के अगले सत्र में इसको सदन के पटल पर रखने के बाद सार्वजनिक किया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति जीटी नानावती और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता ने 45 हजार शपथ पत्र व हजारों गवाहों के बयान के बाद करीब ढाई हजार पेज की रिपोर्ट तैयार की। पिछले महीने ही न्यायमूर्ति नानावती ने कहा था कि आयोग का कार्यकाल 25वीं बार बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि हमारी अंतिम रिपोर्ट तैयार है। इसे छपने के लिए भेज दिया गया है और जल्द ही हम सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे। बताते चलें कि इससे पहले 24 बार आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। आयोग ने सितंबर 2008 में गोधरा कांड पर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गई थी। उस समय आयोग ने साबरमती एक्सप्रेस की बोगी संख्या-छह में आग लगाने को सुनियोजित साजिश का परिणाम बताया था। 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने की घटना के बाद राज्य के कई इलाकों में दंगे फैल गए थे।

    तीन मार्च 2002 को गठन

    * गुजरात दंगों के बाद तीन मार्च 2002 को जीटी नानावती की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने जांच आयोग का गठन किया।

    * केजी शाह आयोग के दूसरे सदस्य थे। 2009 में शाह के निधन के बाद अक्षय मेहता को सदस्य बनाया गया।

    * शुरू में आयोग को साबरमती एक्स. में आगजनी से जुड़े तथ्य और घटनाओं की जांच का काम सौंपा गया।

    * जून 2002 में आयोग को गोधरा कांड के बाद भड़की हिंसा की भी जांच करने के लिए कहा गया।

    * एक आरटीआइ से 2002 से 2012 के बीच इस पर सात करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने की बात सामने आई।

    * आयोग ने दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगियों व वरिष्ठ अफसरों की भूमिका की भी जांच की।

    'मैंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें क्या है, इस बारे में मैं कुछ नहीं बताऊंगा। यह राज्य सरकार पर है कि वह इसे सार्वजनिक करती है या नहीं।' -जीटी नानावती, आयोग के अध्यक्ष

    पढ़ें: तीन माह में खत्म हों गुजरात दंगों से जुड़े मामले : सुप्रीम कोर्ट

    गुजरात चुनाव: गोधरा के जेहन में आज भी जिंदा है दंगों की टीस

    गोधरा कांड: कब क्या हुआ