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महाराष्ट्र में पैठ बढ़ा रहा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराष्ट्र के मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है। इस काम में लगे संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने शनिवार को संघ के मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक सभा को संबोधित किया और राज्य के कई जिला संयोजकों के मनोनयन की घोषणा की। महाराष्ट्र के

By Edited By: Published: Sun, 21 Sep 2014 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 21 Sep 2014 09:55 PM (IST)
महाराष्ट्र में पैठ बढ़ा रहा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराष्ट्र के मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है। इस काम में लगे संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने शनिवार को संघ के मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक सभा को संबोधित किया और राज्य के कई जिला संयोजकों के मनोनयन की घोषणा की।

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महाराष्ट्र के 19 जनपदों में मुस्लिम आबादी 10 फीसद से ज्यादा है। मुंबई उपनगर एवं मुंबई शहर में तो क्रमश: 17 एवं 22 फीसद मुस्लिम बसते हैं। औरंगाबाद, अकोला एवं मालेगांव आदि जिलों में भी मुस्लिम आबादी 15 फीसद से अधिक है। संभवत: इसी बात को ध्यान में रखते हुए संघ मुस्लिमों के बीच पैठ बनाकर उनमें अपने प्रति फैले भ्रम को दूर करना चाहता है।

शनिवार को मुंबई में हुई सभा इसी प्रयास की एक बानगी थी। जहां इंद्रेश कुमार को सुनने के लिए एक स्कूल का बड़ा हॉल न सिर्फ भरा हुआ था, बल्कि उनके साथ मंच साझा कर रहे कई मौलवी दो दिन पहले प्रधानमंद्दी नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मुस्लिमों की वफादारी वाले बयान की खुले दिल से तारीफ करते देखे गए। लेकिन उनमें इस बात को लेकर असंतोष भी दिखाई दिया कि प्रधानमंद्दी अपनी पार्टी के उन लोगों पर काबू क्यों नहीं रखते जो ऊलजलूल बयान देकर माहौल खराब करते रहते हैं। उनका इशाला महंत आदित्यनाथ और मेनका गांधी की ओर था।

रा.स्व.संघ के किसी संगठन के नाम पर मुंबई में मुस्लिमों को इकट्ठा करना आसान नहीं था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे 32 वर्षीय इरफान अली बताते हैं कि लोगों के बीच जाकर वह पूछते हैं कि संघ ने ऐसे कौन से चार काम किए हैं, जिससे उनके जीवन में तकलीफ पैदा हुई हो। ज्यादातर लोग ऐसे सवाल पर बाबरी मस्जिद कांड से आगे नहीं बढ़ पाते। तब उन्हें यह कहकर सभा में आने के लिए सहमत करना पड़ता है कि किसी को बुरा कहने या समझने से पहले कम से कम एक बार उसकी बात तो सुनिए। एक बार सभा में आने के बाद उनके मन सेसंघ के प्रति भ्रम दूर करने का काम इंद्रेश कुमार का होता है।


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