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    मुंबई हिंसा के पीछे असम के अल्पसंख्यक नेता पर शक

    By Edited By:
    Updated: Mon, 13 Aug 2012 10:10 PM (IST)

    असम के हालात को लेकर शनिवार को मुंबई में हुई हिंसा सुनियोजित थी। आशंका है कि इसके पीछे असम से आए किसी नेता का हाथ हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर किया गया है। गृह मंत्रालय ने हिंसा के पीछे असम लिंक की गहराई से जांच करने को कहा है। राज्य सरक

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। असम के हालात को लेकर शनिवार को मुंबई में हुई हिंसा सुनियोजित थी। आशंका है कि इसके पीछे असम से आए किसी नेता का हाथ हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर किया गया है। गृह मंत्रालय ने हिंसा के पीछे असम लिंक की गहराई से जांच करने को कहा है।

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    राज्य सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आजाद मैदान में शांतिपूर्वक सभा करने वाले और मैदान के बाहर पुलिस एवं मीडिया पर हमला करने वाले लोग अलग-अलग आए थे। हमला करने वालों को बसों में भरकर लाया गया था और वे लाठी, सरिया और चैन अपने साथ लाए थे। घातक हथियारों से लैस ये लोग आजाद मैदान के अंदर तक नहीं गए थे। पुलिस इसकी जांच कर रही है कि खास तौर पर पुलिस और मीडिया पर हमला करने के उद्देश्य से इन लोगों को किसने भेजा था।

    वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की रिपोर्ट में हिंसा के पीछे असम के एक अल्पसंख्यक नेता का हाथ होने की आशंका जताई गई है। लेकिन उन्होंने इस नेता का नाम बताने से इन्कार कर दिया। राज्य सरकार को इस मामले की गहराई से पड़ताल करने को कहा गया है।

    मीडिया से भी मदद ले रही है पुलिस

    मुंबई [जागरण संवाददाता]। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार को हुई हिंसा में 23 व्यक्तियों के शामिल होने के पुख्ता सुबूत पुलिस को मिले हैं। मुंबई के पुलिस आयुक्त अरुप पटनायक ने बताया कि आगजनी और हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए छत्रपति शिवाजी टर्मिनल एवं मुंबई महानगरपालिका मुख्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को बारीकी से देखा जा रहा है। इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं प्रेस फोटोग्राफरों द्वारा ली गई तस्वीरों को भी देखा जाएगा। हिंसा के बाद 100 से ज्यादा लोग अपनी मोटरसाइकिलें आजाद मैदान के बाहर छोड़कर भाग गए थे। अब पुलिस हिंसा की जांच के लिए इन वाहनों के मालिकों से भी पूछताछ कर रही है।

    पुलिस द्वारा इस प्रकार की जा रही पूछताछ से अब महानगर के मुस्लिम नेताओं में नाराजगी भी देखी जा रही है। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जांच के दौरान निर्दोष लोगों को परेशान किए जाने पर नाराजगी जाहिर की।

    पुलिस आयुक्त पटनायक का कहना है कि पुलिस द्वारा किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जा रहा है। पटनायक के अनुसार हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने की भी न्यायिक जांच की जाएगी। तभी यह कहा जा सकेगा कि पुलिस द्वारा उस समय गोली चलाया जाना उचित था, या नहीं।

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