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जानें, मुंबई सीरियल ब्लास्ट में कब, कहां और क्या-क्या हुअा.....

12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 स्थानों पर बम धमाके हुए थे। इसमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में दोषी पाए गए याकूब मेमन को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा मुकर्रर की है। याकूब को 30 जुलाई

By Test1 Test1Edited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 04:50 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 05:45 PM (IST)

मुंबई। 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 स्थानों पर बम धमाके हुए थे। इसमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में दोषी पाए गए याकूब मेमन को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा मुकर्रर की है। याकूब को 30 जुलाई को सुबह सात बजे नागपुर जेल में फांसी दी जाएगी। आइए डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर एक नजर-

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12 मार्च 1993-

पहला धमाका-दोपहर 1.30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज

दूसरा धमाका-दोपहर 2.15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट

तीसरा धमाका-दोपहर 2.30 बजे, शिव सेना भवन

चौथा धमाका-दोपहर 2.33 बजे,एयर इंडिया बिल्डिंग

पांचवा धमाका-दोपहर 2.45 बजे, सेंचुरी बाज़ार

छठा धमाका-दोपहर 2.45 बजे, माहिम

सातवां धमाका-दोपहर 3.05 बजे, झावेरी बाज़ार

आठवां धमाका-दोपहर 3.10 बजे,सी रॉक होटल

नौवां धमाका-दोपहर 3.13 बजे,प्लाजा सिनेमा

दसवां धमाका-दोपहर 3.20 बजे,जुहू सेंटूर होटल

ग्यारवां धमाका-दोपहर 3.30 बजे,सहार हवाई अड्डा

बारहवां धमाका-दोपहर 3.40 बजे,एयरपोर्ट सेंटूर होटल

-4 नवंबर 1993 में 10,000 पन्ने की 189 लोगों के खिलाफ प्रार्थमिक चार्जशीट दायर की गई थी।

-19 नवंबर 1993 में यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया था।

-19 अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई आरंभ हुई थी। अगले दो महीनों में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

-अक्टूबर 2000 में सभी अभियोग पक्ष के गवाहों के बयान समाप्त हुए थे।

-अक्टूबर 2001 में अभियोग पक्ष ने अपनी दलील समाप्त की थी।

-सितंबर 2003 में मामले की सुनवाई समाप्त हुई थी।

-सितंबर 2006 में अदालत ने अपने फैसले देने शुरू किए।

इस मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और उनके वारिस मुकदमा लड़ रहे हैं।इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।

नवंबर 2006 में संजय दत्त को पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था, लेकिन उन्हे कई अन्य संगीन मामलों में बरी किया गया था।

1 नवंबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई थी जो दस महीने चली।

अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

दाऊद इब्राहम अौर संजय दत्त भी हैं अभियुक्त

इन धमाकों में दाऊद इब्राहम अौर संजय दत्त भी अभियुक्त हैं। दाऊद को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस का यह कहना है कि यह धमाके भारत से बाहर रहने वाले दाऊद ने कराए थे। साल 2006 में मुंबई की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए जिन लोगों को इन धमाकों के लिए दोषी पाया था। उनमें एक ही परिवार के चार सदस्य भी थे। इनके नाम थे यकूब मेमन, यूसफ मेमन, इसा मेमन और रुबिना मेमन। इन सभी को साजिश और आंतकवाद को बढा़वा देने के लिए दोषी पाया गया था। ये सभी टाइगर मेमन के रिश्तेदार हैं, जिन्हें अभी पकड़ा नहीं गया है। संजय दत्त को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 18 महीने जेल में बिताने पड़े थे। टाइगर मेमन के बारे में यह माना जाता है कि वो मुंबई में एक रेस्तरां चलाते थे और दाऊद के करीबी थे।


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