Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छात्रों से रैगिंग का डर भगाने अब उन्हें दिखाई जाएगी फिल्में

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 09 Sep 2017 07:36 PM (IST)

    यूजीसी ने इस संबंध में देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए गए पत्र में साफ किया है कि इन दौरान राष्ट्रीय स्तर पर तीन बेहतर फिल्मों को चयन होगा।

    छात्रों से रैगिंग का डर भगाने अब उन्हें दिखाई जाएगी फिल्में

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। छात्रों से रैगिंग का डर भगाने के लिए विश्वविद्यालयों और कालेजों में अब उन्हें फिल्में दिखाई जाएगी। यह ऐसी फिल्में होंगी, जो छात्रों को रैगिंग को लेकर जागरुक करने वाली होगी। फिलहाल यूजीसी ने इसे लेकर एक अनूठा कदम उठाया है, जिसके तहत देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों से रैगिंग को लेकर जागरुक करने वाली फिल्में बनाने को कहा है। इतना ही नहीं, यूजीसी ने अच्छी फिल्म बनाने वाले संस्थानों को ईनाम देने की घोषणा की है। जिसके तहत दो से पांच लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रैगिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर जिस तरीके से सख्ती दिखाई उसके बाद से यूजीसी और भी ज्यादा सतर्कता दिखा रही है। यही वजह है कि यूजीसी अब छात्रों के भीतर घर कर गए रैगिंग के डर को कैसे भी करके भगाने में जुटी है। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय फिल्म निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसके तहत यह सभी फिल्में पांच से दस मिनट की होगी। जिसमें प्रत्येक विश्वविद्यालय की सिर्फ तीन चुनिंदा फिल्में ही प्रतियोगिता में शामिल होगी।

    यूजीसी ने इस संबंध में देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए गए पत्र में साफ किया है कि इन दौरान राष्ट्रीय स्तर पर तीन बेहतर फिल्मों को चयन होगा। इनमें सबसे अच्छी फिल्म को पांच लाख, जबकि दूसरे स्थान पर आने वाली फिल्म को तीन लाख और तीसरे स्थान पर आने वाली फिल्म को दो लाख रुपए का पुरस्कार भी दिया जाए। साथ ही फिल्म को तैयार करने कॉलेज या विश्वविद्यालय को इसकी फिल्म के प्रदर्शन के दौरान क्रेडिट भी दी जाएगी। यूजीसी ने इसके तहत प्रत्येक विश्वविद्यालयों से 30 नंवबर तक अपनी फिल्में पेन ड्राइव या डीवीडी के जरिए भेजने को कहा है। यूजीसी पहले भी रैगिंग से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों और कालेजों को कई निर्देश दे चुकी है। हाल ही में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने छात्रावासों के प्रत्येक कमरे ने अलार्म बेल लगाने को कहा था। ताकि छात्र रैगिंग की स्थिति में सिर्फ बेल बजाकर ही प्रशासन की मांग कर सकें। 

    यह भी पढ़ें: यूजीसी का निर्देश- विश्वविद्यालय और कॉलेज दिखाए पीएम मोदी का लाइव भाषण

    comedy show banner
    comedy show banner