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दिल्ली में तीन महीने में दो हजार करोड़ से ज्यादा खर्च

चुनाव की आहट से चिंतित सूबे के विधायकों को भले ही यह शिकायत हो कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और तस्वीर पेश कर रहे हैं। दिल्ली सरकार का दावा है कि वह वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में विभिन्न योजनाओं पर 2,16

By Edited By: Published: Sat, 26 Jul 2014 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jul 2014 08:06 AM (IST)
दिल्ली में तीन महीने में दो हजार करोड़ से ज्यादा खर्च

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। चुनाव की आहट से चिंतित सूबे के विधायकों को भले ही यह शिकायत हो कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और तस्वीर पेश कर रहे हैं। दिल्ली सरकार का दावा है कि वह वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में विभिन्न योजनाओं पर 2,168 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। यह राशि कुल योजना राशि 16 हजार करोड़ रुपये की 13.6 फीसद है।

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सरकार ने यह दावा भी किया है कि इस तिमाही में खर्च की गई यह राशि पिछले साल इसी तिमाही में खर्च की गई राशि से करीब दो फीसद अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने विभिन्न परियोजनाओं पर 592 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जो कि विभाग के कुल योजना परिव्यय 3202 करोड़ रुपये का 18.5 फीसद है।

इसी प्रकार जल आपूर्ति एवं स्वच्छता के मद में 17.5 फीसद, शिक्षा के मद में 16 फीसद, परिवहन के मद में 14 फीसद और स्वास्थ्य, शहरी विकास और सामाजिक सुरक्षा व कल्याण आदि प्रत्येक मद में 13 फीसद व्यय प्रथम तिमाही में किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने पहली तिमाही में कुल 5689 करोड़ रुपये की धनराशि विभिन्न राजस्व के मद में अर्जित की है जो कुल कर राजस्व लक्ष्य का 18 फीसद है। चालू वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार का कुल राजस्व लक्ष्य 31, 571 करोड़ रुपये निर्धारित है।

पढ़ें: बढ़ती जनसंख्या से विकास कार्यक्रम पड़े छोटे


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