अलर्ट के बावजूद मोरा चक्रवात किसानों के लिए लाएगा खुशियों की सौगात
बंगाल की खाड़ी में उठने वाला मोरा चक्रवात आज भारतीय तट पर दस्तक देगा। भारत के लिए मानसून की सौगात ला रहा है। इस दौरान होने वाली बारिश खेती के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होगी।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। बंगाल की खाड़ी में उठने वाले 'मोरा' चक्रवात ने फिलहाल भारत के तटीय इलाकों के साथ-साथ बांग्लादेश की भी धड़कनें बढ़ा रखी हैं। फिलहाल इसने बांग्लादेश के तट पर दस्तक दे दी है। इस बीच भारतीय नौसेना बांग्लादेश की मदद के लिए पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है। वहां पर इस तूफान काफी असर देखने को मिल सकता है। लिहाजा भारतीय नौसेना को इसके लिए तैयार रखा गया है। वहीं दूसरी ओर मोरा का असर पूर्वोत्तर के कई भारतीय राज्यों पर भी पड़ सकता है, इसको लेकर चेतावनी भी जारी कर दी गई है।
भारतीय तट की तरफ आने पर इसकी वजह से करीब 65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। लेकिन इस बीच मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि इस चक्रवात से भारत को घबराने की जरूरत नहीं है। यह भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्तक है जो किसानों और फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर केजे रमेश के मुताबिक मोरा चक्रवात भारत में मानसून की शुरुआत है। उन्होंने बताया है कि यह मंगलवार को पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक पहुंच जाएगा। इस दौरान भारत के तटीय इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है। उन्होंने मोरा चक्रवात को लेकर किसी भी तरह की दहशत को दरकिनार करते हुए कहा है कि यह चक्रवात भारत किसानों के लिए काफी अच्छा साबित होगा। उनके मुताबिक फिलहाल इसकी पॉजीशन चिटगांव में है। जिसकी वजह से वहां पर तेज हवाएं और बारिश हो रही हैं। इसकी वजह से वहां पर कुछ नुकसान हो सकता है लेकिन भारतीय इलाकों में इसका प्रभाव खतरनाक साबित नहीं होगा।
उनका कहना है कि भारत के तटीय इलाकों तक पहुंचते पहुंचते यह मंदा पड़ जाएगा लिहाजा इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा। इसके बाद भी भारत के तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। डॉक्टर रमेश के मुताबिक, मोरा 30 मई को चटगांव के पास बांग्लादेश तट को पार कर जाएगा। इसकी वजह से पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। उनके मुताबिक इस दौरान दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। यह बंगाल की खाड़ी के कुछ और भागों तथा अरब सागर में आगे बढ़ाने में मददगार होगा।