इस दौर में भी मासिक वेतन पचास रुपये
आजादी के छह दशक बाद भी किसी सरकारी विभाग में काम करने वाले कर्मचारी को पचास रुपये मासिक वेतन दिए जाने का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट भी दंग रह गया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता को न्यूनतम वेतन जारी करने के साथ उसे स्थायी करने पर गौर करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अ
जागरण संवाददाता, जम्मू। आजादी के छह दशक बाद भी किसी सरकारी विभाग में काम करने वाले कर्मचारी को पचास रुपये मासिक वेतन दिए जाने का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट भी दंग रह गया।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता को न्यूनतम वेतन जारी करने के साथ उसे स्थायी करने पर गौर करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अगले आठ सप्ताह में इस संदर्भ में फैसला लेने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
मुहम्मद रमजान चिकित्सा विभाग में पिछले 16 वर्षो से सफाई कर्मचारी है। उसने स्थायी करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की तथा अदालत को बताया कि उसे मात्र 50 रुपये मासिक वेतन दिया जाता है। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने मुहम्मद रमजान के वेतन को उचित ठहराते हुए कहा कि वह सुबह के समय केवल एक घंटे काम करता है, जिसके बाद वह कोई भी दूसरा काम कर सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मुहम्मद रमजान पूरा दिन चिकित्सा केंद्र को अपनी सेवाएं देता है।
याचिकाकर्ता के वकील ने पुराने सरकारी आदेश को हाईकोर्ट के सामने पेश करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को स्थायी रूप से नौकरी में रखा जाए।
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