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क्या काशी की गलियां मोदी की सुरक्षा में बाधा हैं?

भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए बनारस की संकरी गलियां मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए चिंतित एजेंसियों ने यहां की तंग गलियों पर भी मंथन शुरू कर दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 22 May 2014 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 22 May 2014 10:48 AM (IST)

वाराणसी (विकास बागी)। भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए बनारस की संकरी गलियां मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए चिंतित एजेंसियों ने यहां की तंग गलियों पर भी मंथन शुरू कर दिया है। गलियों के शहर काशी की सड़कों को कैसे चौड़ा किया जाए इसको लेकर टीम मोदी भी कार्ययोजना पर काम कर रही है।

आतंकी धमकी के चलते मोदी की सुरक्षा-व्यवस्था अमेरिकी राष्ट्रपति से भी कड़ी मानी जा रही है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही एसपीजी के प्रशिक्षित पांच सौ कमांडो उन्हें अपने घेरे में ले लेंगे। वहीं मोदी जिस वाहन में सवार होंगे उसके इर्द-गिर्द सुरक्षाकर्मी इस कदर घेरा बनाकर चलेंगे कि यह जानना मुश्किल होगा कि वह किस गाड़ी में हैं। फ्लीट का सुरक्षा घेरा भी कुछ इस तरह होगा जैसे कि बाज पंख फैलाकर उड़ रहा हो, लेकिन बनारस की संकरी गलियां इसमें बाधा पहुंचा सकती हैं। अभी 17 मई को ही जब मोदी बनारस आए थे तब एसपीजी और एनएसजी के घेरे में चल रही फ्लीट को संकरी गलियों के चलते कतारबद्ध होना पड़ा था। जो सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है। अब चूंकि मोदी काशी से सांसद बनने के बाद देश के भावी प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में उनका कार्यक्रम यहां लगा ही रहेगा। बनारस आकर वह बाबा विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट के साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में भी जाएंगे, लेकिन संकरी गलियां सुरक्षा व्यवस्था में रोड़ा अटका सकती हैं। इसी वजह से सुरक्षा के लिए चिंतित एजेंसियों ने उन स्थानों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है जहां सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई तो नहीं जा सकती लेकिन डिवाइडर हटाकर दो लेन को एक लेन बनाया जा सकता है। साथ ही काशी में अतिक्रमण को हटाकर भी सड़कों को कुछ चौड़ा किया जा सकता है। जिससे सुरक्षा में चलने वाली फ्लीट को अपनी चाल न बदलनी पड़े।

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