शहरीकरण को अवसर समझें, संकट नहीं : मोदी
भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सीरी फोर्ट आडिटोरियम में कारोबारियों को रिझाने की पूरी कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाजा में केंद्र की नीति और रणनीति को कोसने में भी कोई कोर-कसर भी नहीं छोड़ी। उन्होंने कारोबारियों की परेशानियों को कम करने की
नई दिल्ली। भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सीरी फोर्ट आडिटोरियम में कारोबारियों को रिझाने की पूरी कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाजा में केंद्र की नीति और रणनीति को कोसने में भी कोई कोर-कसर भी नहीं छोड़ी। उन्होंने कारोबारियों की परेशानियों को कम करने की जोरदार वकालत की और नए नियमों और कानून बनाने पर भी बल दिया। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली से देश चलाने का फैशन खत्म करने की भी जोरदार वकालत की।
मोदी ने कारोबारियों को संबोधित कर उनके सामने एक बार फिर से गुजरात को विकास के मॉडल के तौर पर रखने की भी पुरजोर कोशिश की। उन्होंने भाजपा को कारोबारियों की पार्टी कहलाने पर भी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज देश को कॉमर्स डिप्लोमेसी की जरूरत है।
मोदी ने कहा कि दिल्ली से देश को चलाने का फैशन खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी देश सिर्फ कानूनों से नहीं चलता है बल्कि एक सुधरी हुई व्यवस्था से चलता है। समय के साथ कानून को बदलने की भी जरूरत होती है। जब पुराना कानून खत्म होता है, तभी किसी नए कानून का जन्म भी होता है। उन्होंने कारोबारियों के सामने आ रही परेशानियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर सबसे पहला काम कांग्रेस द्वारा साठ वर्षो में किए गए गड्ढों को भरने का किया जाएगा।
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इस मौके पर भाजपा के पीएम प्रत्याशी ने आम आदमी के दिल में ब्रांड वाली चीजों के लिए बढ़ रही होड़ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इस तरह का चलन बढ़ा है क्योंकि इस ओर लोगों का विश्वास भी बढ़ा है।
मोदी ने कहा कि व्यवस्थाओं से निराश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके कायाकल्प की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शहरीकरण को अवसर समझें, संकट नहीं। मोदी ने कहा कि गुजरात में आज लाखों डॉक्टर गांव में हंसी-खुशी काम कर रहे हैं। उन्हें वहां शहर की सारी सुविधाएं मिली हैं। गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की वजह से वे वहां इंटरनेट, टीवी, फ्रिज, एसी का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए वे गांव छोड़कर जाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि आत्मा गांव की हो, सुविधा शहर की।
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