Move to Jagran APP

अपना हो या उनका देश.. नमो का जन संवाद, जिंदाबाद

जन संवाद को माध्यम बनाकर मोदी देश ही नहीं विदेश की जनता के दिल पर कब्जा कर उनके चहेते नेता बन गए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 25 May 2016 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 06:17 PM (IST)

नई दिल्ली। भारत विजय से पहले और भारत पर विजय हासिल करने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम की रणनीतियों की फेहरिस्त में जन संवाद का महत्व बरकरार है। जन संवाद को माध्यम बनाकर मोदी ने देश की जनता का ही दिल नहीं जीता बल्कि मुल्क से बाहर रह रहे भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ विदेशी जनता के दिल पर कब्जा कर उनके चहेते नेता बन गए। भारी मतों से 2014 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद देखते ही देखते नरेंद्र मोदी पूरे विश्व में छा गए। वे जहां भी गए, उन्होंने वहां के लोगों से संवाद करने का कोई मौका नहीं चूका। आज जब मोदी सरकार अपने दो साल के कार्यकाल को पूरा कर चुकी है.. एेसे मौके पर मोदी सरकार के जन संवाद के हथकंडे पर छोटी सी चर्चा तो बनती है...

loksabha election banner

ट्विटर.. फेसबुक पर 24/7 ONLINE मोदी टीम

राजनीति के अखाड़े में मजबूती के आखिरी स्टेज तक जाने के लिए मोदी सरकार सोशल मीडिया को जोंक की तरह जकड़े हुए है। फेसबुक पर भाजपा को आगे बढ़ाने का अभियान जोरों पर है। मोदी सरकार की हर उपलब्धि और नीतियां लोगों तक फेसबुक के माध्यम से पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर गतिविधियों की जानकारी ट्विटर पर पल भर में ट्रेंड करने लगती है। यहां भी प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं लेकिन जनता से मोदी सरकार का जन संवाद 24 घंटे जारी रहता है।

एक तरफ मोदी दूसरे छोर पर समूचा देश और शुरू हुआ जन संवाद

2014 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा की तरफ से पूरे देश में आयोजित नरेंद्र मोदी के साथ चाय पर चर्चा ने विरोधियों की जमीन हिला कर रख दी थी। एक समय पर तब मोदी ने देश के करोडों लोगों से एक साथ 3डी वार्ता की थी। लोगों ने नरेंद्र मोदी के सामने अपने सवाल रखे और मोदी ने लोगों के सवाल का जवाब दिया था। भाजपा का यह जन संवाद आज भी लोकप्रिय है। चाय पर चर्चा की बातें आज भी होती रहती हैं। इतना ही नहीं इसी पैटर्न पर विधानसभा चुनावों में भी जन संवाद किया गया। पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में चाय पर चर्चा को फॉलो करते हुए 'कॉफी विद कैप्टन' को चुनावी हथकंडा बनाया गया है।

3 लाख KM, 5,800 स्थान, 440 रैलियां

13 सितंबर 2013 को मोदी को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का दायित्व पार्टी ने दिया। उसके बाद वह ऐसा जुटे कि विजय गाथा की पटकथा लिखने के बाद ही रुके। एक माह के भीतर 12 दौर में 1350 स्थानों पर 3डी रैलियां संबोधित कीं। मोदी ने लगभग 5800 जन संवाद कार्यक्रम किये | जन संवाद के लिए उन्होंने 3 लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे भारत में 440 कार्यक्रम और रैलियां संबोधित की। इसमें भारत विजय रैलियां भी शामिल हैं जिनकी शुरुआत 26 मार्च 2014 से हुई थी।

MODI LIVE-मन की बात को जन-जन का साथ

आकाशवाणी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम शुरू कर देशवासियों से संवाद बनाये रखने का अभिनव प्रयोग किया है। आजादी के बाद से 2014 तक उच्च पदों पर बैठे राजनेताओं का जनता से संवाद लगभग कट ही गया था और नेता अपने पसंदीदा नौकरशाहों, चापलूसों और बिचौलियों के जरिये ही जनता की नब्ज टटोलने का काम करते थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे संवाद पर भरोसा करते हैं। मोदी ने मन की बात से जन-जन तक पहुंचने का जरिया खोज निकाला है। उनका लोगों के मन को जानने-समझने और जनता से सीधा जुड़ाव मन की बात से जारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.