भारतवंशियों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा
गांधीनगर में बुधवार से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन के 13वें संस्करण की शुरुआत होगी। सम्मेलन में 58 से अधिक देशों के एनआरआइओं के भाग लेने की उम्मीद है। अरब सागर में आतंकियों द्वारा नौका सहित खुद को उड़ा लेने की घटना के मद्देनजर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी...
अहमदाबाद। गांधीनगर में बुधवार से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन के 13वें संस्करण की शुरुआत होगी। सम्मेलन में 58 से अधिक देशों के एनआरआइओं के भाग लेने की उम्मीद है। अरब सागर में आतंकियों द्वारा नौका सहित खुद को उड़ा लेने की घटना के मद्देनजर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन, प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का प्रमुख आयोजन है। नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मान्यता दी गई है, क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई की शुरुआत की थी।
नागरिकता कानून में भी संशोधन के लिए सरकार ने चुना अध्यादेश का रास्ता
गुजरात में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन से पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने भारतवंशियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआइओ) और ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआइ) योजनाओं को जोड़ने वाला अध्यादेश ले आई है।
इस अध्यादेश के जरिये नागरिकता कानून में किए जा रहे संशोधन से भारतीय मूल के लोगों को आजीवन वीजा मिल जाएगा और उन्हें हर यात्रा के दौरान स्थानीय पुलिस स्टेशन में पेश होने से भी छूट मिलेगी। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वी राजामोनी ने बताया कि नागरिकता अध्यादेश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हस्ताक्षर हो चुके है।
यह अध्यादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के लोगों को दिए गए उस वादे को पूरा करता है जिसमें उन्होंने इन दोनों योजनाओं को जोड़े जाने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को आजीवन वीजा दिए जाने की भी घोषणा की थी। मालूम हो कि 7 जनवरी से नौ जनवरी के बीच गुजरात के गांधीनगर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हो रहा है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य लोग संबोधित करेंगे।
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