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    पाक शरणार्थियों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के पक्ष में केंद्र सरकार

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sat, 24 Dec 2016 02:00 AM (IST)

    केंद्र में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार पाकिस्तानी शरणार्थियों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के पक्ष में है।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार पाकिस्तानी शरणार्थियों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के पक्ष में है। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह मामला करीब 70 साल पुराना है। पाकिस्तानी शरणार्थियों को अब तक डोमिसाइल न देने पर जितेंद्र सिंह ने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना की। यह देश की जिम्मेदारी है कि करीब 70 सालों से रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों को अच्छा जीवन जीने का अधिकार मिले।

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    जितेंद्र सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश में शरणार्थी प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे हंै। इसके लिए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल और मनमोहन सिंह के नाम गिनाए। उन्होंने कहा कि देश में जहां दो रिफ्यूजी प्रधानमंत्री बन चुके हैं, वहीं राज्य में अलगाववादियों व उन्हें समर्थन देने वाले विपक्षी दलों की छोटी सोच उनके आगे बढ़ने के आड़े आ रही है।

    शुक्रवार को दिल्ली में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रह रहे ये रिफ्यूजी सम्मानजनक जीवन के हकदार हैं व उन्हें रोजगार के लिए दिए जा रहे पहचान पत्र का मुद्दा बनाना छोटी सोच है। हालांकि कश्मीरी अलगाववादियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि ऐसा करके राज्य की डेमोग्राफी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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    जितेंद्र सिंह ने कहा कि पाक शरणार्थियों के पास न ही नागरिकता है और न ही राज्य ने उन्हें कोई पहचान पत्र दिया है। इसके अभाव में वे नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनको पहचान पत्र देने का निर्णय लिया है, ताकि वे भी सम्मान से जी सकें।

    जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के रिफ्यूजियों के खिलाफ मुखर दल वही हैं जिन्होंने जम्मू का जनसांख्यक स्वरूप बदलने के लिए शहर के बाहरी इलाकों में विदेशी बसा दिए। जम्मू के बाहरी इलाकों में बांग्लादेश, म्यांमार के मुस्लिमों के बसने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इन विपक्षी दलों को पश्चिम पाकिस्तान के रिफ्यूजियों के पहचान पत्र से आपत्ति है, लेकिन उन्हें राज्य में बसने वाले विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या से कोई परेशानी नहीं है।

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