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काशी की विरासत सहेजने का क्योटो ने दिया मंत्र

आधुनिक विकास के साथ काशी की विरासत को सहेजने का 'जागरण फोरम' के मंथन से निकला विचार अब हकीकत बनने जा रहा है। सरकार जापान के शहर क्योटो की तर्ज पर ही काशी की समृद्ध विरासत को सहेजकर विकास की योजना बनाने की तैयारी कर रही है। क्योटो के मेयर दाइसाका कादोकावा ने जापान की यात्रा

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 07:43 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आधुनिक विकास के साथ काशी की विरासत को सहेजने का 'जागरण फोरम' के मंथन से निकला विचार अब हकीकत बनने जा रहा है। सरकार जापान के शहर क्योटो की तर्ज पर ही काशी की समृद्ध विरासत को सहेजकर विकास की योजना बनाने की तैयारी कर रही है। क्योटो के मेयर दाइसाका कादोकावा ने जापान की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शनिवार को विरासत शहर के विकास पर प्रजेंटेशन दिया। क्योटो के मेयर ने पीएम को यह प्रजेंटेशन वाराणसी के विकास के लिए समझौता होने के एक दिन बाद दिया है।

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कादोकावा ने 40 मिनट के प्रजेंटेशन में बताया कि क्योटो के नागरिकों ने किस तरह उसे स्वच्छ बनाया। उन्होंने मोदी को बताया कि स्थानीय विद्यार्थियों ने शहर को स्वच्छ बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाई और शहर में कचरे को घटाकर 40 फीसद कर दिया। इसके अलावा जगह-जगह लगे पोस्टर भी हटाए गए।

इस मौके पर मोदी ने मेयर को एक पुस्तक भेंट की जिस पर लिखा था, 'मैं बनारस का प्रतिनिधित्व करता हूं। मुझे पता चला कि क्योटो शहर का किस तरह विकास किया गया।' उन्होंने वाराणसी का एक डिजिटल मानचित्र भी मेयर को भेंट किया। मेयर ने कहा कि वह भारत और जापान के बीच संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित रहेंगे। बुद्ध से जुड़ी विरासतें भारत से प्रेरित हैं।

मोदी ने कहा कि क्योटो आने की उनकी वजह यह है कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद क्योटो अपनी विरासत को कायम रखने में कामयाब रहा है। क्योटो ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को बरकरार रखते हुए आधुनिक जरूरतों को पूरा किया है। इस शहर का विकास सांस्कृतिक धरोहर के आधार पर हुआ। भारत में हम भी एक विरासत शहर विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त को वाराणसी में आयोजित जागरण फोरम में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में काशी को एक विरासत शहर के तौर पर विकसित करने का विचार आया था। भाजपा अध्यक्ष ने फोरम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के संबंध में आए सुझावों का स्वागत करते हुए उन्हें सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया था। प्रधानमंत्री की यात्रा के पहले दिन जापान में भारत की राजदूत दीपा वाधवा और क्योटो के मेयर कादोकावा ने वाराणसी के विकास के लिए सहमति पत्र पर दस्तखत किए थे।

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