रामकृष्ण मिशन के संन्यासियों को मोदी से उम्मीद
कोलकाता। देश के भावी प्रधानमंत्री व स्वामी विवेकानंद के अनन्य भक्त नरेंद्र मोदी से रामकृष्ण मिशन के संन्यासियों को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्हें आशा है ...और पढ़ें

कोलकाता। देश के भावी प्रधानमंत्री व स्वामी विवेकानंद के अनन्य भक्त नरेंद्र मोदी से रामकृष्ण मिशन के संन्यासियों को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्हें आशा है कि मोदी अपनी सांप्रदायिक सद्भाव की शिक्षा जन-जन तक पहुंचाएंगे और युवा शक्ति का उपयोग क्षमता बढ़ाने में करेंगे।
बेलुरमठ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी युवावस्था में यहां रामकृष्ण मठ व मिशन में शामिल होने आए थे। दो बार के प्रयास के बाद भी उन्हें दाखिला नहीं मिला और लौटना पड़ा। लेकिन उनका विश्वास नहीं टूटा और स्वामी जी के विचारों का अनुसरण करते रहे।
मोदी ने गुजरात के राजकोट में रामकृष्ण मठ व मिशन से संपर्क किया। इसके बाद वे मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार 2013 में बेलुरमठ आए। तब मठ प्रबंधन ने मोदी के ध्यान के लिए विवेकानंद कक्ष को खोल दिया था और मोदी लगभग 20 मिनट तक वहां रहे। मठ के एक संन्यासी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद के सांप्रदायिक सद्भावना के विचार व एकता में मोदी का विश्वास सराहनीय है। 'नरेंद्र मोदी : द गेम चेंजर' पुस्तक के अनुसार बेलुरमठ स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम आने के बाद नरेंद्र मोदी हिमालय चले गए थे।

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