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    टोल विरोधी प्रदर्शन में गिरफ्तार राज ठाकरे रिहा

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    Updated: Wed, 12 Feb 2014 08:28 PM (IST)

    मुंबई [जागरण संवाददाता]। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] द्वारा आयोजित राज्यव्यापी चक्काजाम के दौरान पार्टी प्रमुख राज ठाकरे को हिरासत में लेकर कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया। टोल वसूली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने राज ठाकरे को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-राकांपा ने मनसे के आंदोलन को राज का चुनावी स्टंट करार दिया है।

    मुंबई [जागरण संवाददाता]। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] द्वारा आयोजित राज्यव्यापी चक्काजाम के दौरान पार्टी प्रमुख राज ठाकरे को हिरासत में लेकर कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया। टोल वसूली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने राज ठाकरे को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-राकांपा ने मनसे के आंदोलन को राज का चुनावी स्टंट करार दिया है।

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    बुधवार सुबह से ही मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य भर के महामार्गो पर वाहनों को रोकना शुरू कर दिया था। मुंबई में कई जगह सड़क पर टायर जलाकर और पुणे में वाहनों की हवा निकालकर चक्काजाम की कोशिशें की गई। मुंबई-नवी मुंबई के बीच वाशी टोल नाके पर खुद आंदोलन का नेतृत्व करने जा रहे राज ठाकरे को सुबह करीब 11 बजे चेंबूर में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राज ठाकरे को जितनी देर आरसीएफ थाने में रखा गया, उतनी देर उनकी पत्नी शर्मीला ठाकरे पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठी रहीं।

    पुलिस हिरासत के दौरान ही राज ठाकरे से मुख्यमंत्री ने फोन पर बात कर उन्हें गुरुवार सुबह नौ बजे चर्चा के लिए आमंत्रित किया। राज्य में चल रही 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं के कारण राज ने इस आंदोलन से शहरों को अछूता रखने की घोषणा की थी। लिहाजा, मुंबई सहित बड़े शहरों के अंदर चक्काजाम का असर दिखाई नहीं दिया।

    राज ठाकरे महाराष्ट्र के टोल नाकों पर होने वाली वसूली में पारदर्शिता को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आमजन से जुड़े इस मुद्दे को चुनावी स्टंट माना जा रहा है। एक ओर राज्य का मुख्य विपक्षी दल शिवसेना उनके आंदोलन को नौटंकी बता रहा है, तो दूसरी ओर हमेशा राज ठाकरे के निशाने पर रहने वाले उत्तर भारतीय संगठन इस मुद्दे पर उनकी सराहना कर रहे हैं।

    उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष मुन्ना त्रिपाठी मानते हैं कि शहरों के अंदर चल रहे टोल नाकों की वसूली तुरंत बंद होनी चाहिए।

    पढ़े : राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के खिलाफ जनहित याचिका दायर

    कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र की टोल व्यवस्था अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत पारदर्शी है। इसे ज्यादा पारदर्शी बनाने की कोशिश होनी चाहिए। मनसे का आंदोलन ढोंग से ज्यादा कुछ नहीं। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने रास्ता रोको आंदोलन को चुनावी स्टंट बताया। अगर गुरुवार को राज ठाकरे और सीएम के बीच होने वाली बातचीत सफल नहीं रही तो 21 फरवरी को मनसे ने मुंबई के गिरगांव चौपाटी से मंत्रालय तक विशाल मोर्चा निकालने की तैयारी भी कर ली है।

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