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    उड़ी में मारे गए आतंकी गुरिल्ला युद्घ में थे प्रशिक्षित

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 08 Dec 2014 08:10 AM (IST)

    उड़ी समेत वादी के अन्य हिस्सों में गत शुक्रवार को हुए आतंकी हमले लश्कर की कारस्तानी थी। श्रीनगर स्थित सेना की 15 कोर कमांडर ने कहा कि यह हमले रियासत ...और पढ़ें

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    श्रीनगर। उड़ी समेत वादी के अन्य हिस्सों में गत शुक्रवार को हुए आतंकी हमले लश्कर की कारस्तानी थी। श्रीनगर स्थित सेना की 15 कोर कमांडर ने कहा कि यह हमले रियासत में चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने और प्रधानमंत्री की रैली के मद्देनजर दुनिया का ध्यान कश्मीर की तरफ दिलाने के लिए ही हुए थे।

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    लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने रविवार को कहा कि आप इन हमलों को सामान्य नहीं कह सकते। उनके साथ सात दिन तक संघर्ष का असलहा था। उनके हथियार व अन्य साजोसामान भी पाकिस्तान के विशेष सैन्यबल जैसे थे। उनके पास मिले जीपीएस का नियंत्रण झेलम के पार उत्तर में स्थित था। आतंकी गुरिल्ला युद्घ में पूरी तरह प्रशिक्षित पाकिस्तानी कमांडो फोर्स के सदस्य जैसे ही थे।

    उन्होंने उड़ी में मारे गए आतंकियों का जिक्र करते हुए कहा कि वह किसी विशेष टारगेट के लिए आए थे। उन्होंने कैंप तक पहुंचने के लिए रास्ते में एक पहाड़ी और झेलम दरिया को पार किया। लेकिन हमारा सिक्योरिटी ग्रिड पूरी तरह मजबूत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण एलओसी पर लगाई गई बाड़ और अन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचा है, जिस कारण कुछ चौकियां भी स्थानांतरित करनी पड़ी हैं। दुश्मन ने इसका फायदा उठाया है।

    कोर कमांडर ने आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी से इन्कार करते हुए कहा कि आप कुछघटनाओं को आतंकवाद में तेजी का कारण करार नहीं दे सकते। इस वर्ष अभी तक सेना ने विभिन्न अभियानों में 145 आतंकी मार गिराए हैं, जबकि पिछले वर्ष 89 आतंकी मारे गए थे। एलओसी और वादी के अंदरुनी इलाकों में सुरक्षाबल आतंकियों पर हावी हैं। आतंकी इस समय पूरी तरह हताश हैं।

    उन्होंने कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकी गतिविधियों में तेजी और उड़ी हमले को कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलते सियासी समीकरणों के साथ जोड़ते हुए कहा कि दुनिया में कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र के तौर पर प्रचारित करने के लिए ही यह हमला किया गया था।

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