नौसेना के लिए लड़ाकू विमान के सौदे पर है मिग की नजर
इस साल जनवरी में नौसेना ने अपने जहाजों के लिए के लिए 57 बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस की सैनिक विमान निर्माता कंपनी मिग की नजर भारतीय नौसेना के लिए अरबों डॉलर के लड़ाकू विमान आपूर्ति सौदे पर है। मिग ने रविवार को कहा कि वह तकनीक के हस्तांतरण और भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर मिग-29के लड़ाकू विमान के संयुक्त उत्पादन के खिलाफ नहीं है।
मिग के सीईओ इल्या तारासेंको ने कहा कि उनकी कंपनी जल्द ही भारत सरकार के सामने प्रस्ताव रखेगी जिसमें भारतीय नौसेना के लिए संयुक्त रूप से विमान के विकास के बारे में विस्तृत तौर पर बताएगी। तारासेंको ने लिखित इंटरव्यू में कहा, 'हम दीर्घकालिक और आपसी सहयोग के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसमें मेक इन इंडिया कार्यक्रम की रूपरेखा भी शामिल है।'
तारासेंको ने कहा कि मिग भारतीय रक्षा बलों के साथ 50 से ज्यादा वर्षों से काम कर रही है और विमान आपूर्ति के साथ-साथ सेवा मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि रूस भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है और हथियारों और सैन्य सामग्रियों का महत्वपूर्ण निर्यातक है। जून में तत्कालीन रक्षा मंत्री अरुण जेटली के रूस दौरे में तकनीक हस्तांतरण और अत्याधुनिक हथियारों के संयुक्त विकास के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। तारासेंको ने कहा कि भारतीय नौसेना के लिए मिग-29के सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने कहा कि इस विमान ने हाल में सीरिया में शानदार नतीजे दिए हैं जिनमें जमीन पर स्थित लक्ष्यों पर हमले शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस साल जनवरी में नौसेना ने अपने जहाजों के लिए के लिए 57 बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए लड़ाकू विमान निर्माताओं के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (आरएफआइ) जारी किया था। अभी विमानवाहक पोत के लिए छह विमान अनुकूल हैं, जिनमें राफेल (डसाल्ट, फ्रांस), एफ-18 सुपर हॉर्नेट (बोइंग, अमेरिका), मिग-29के (रूस), एफ-35 बी और एफ-35 सी (लॉकहीड मार्टिन, अमेरिका), ग्राइपेन (साब, स्वीडन) शामिल हैं। एफ-18, राफेल और मिग-29के दो इंजन वाले विमान हैं जबकि शेष एक ही इंजन वाले लड़ाकू विमान हैं। फिलहाल नौसेना के पास 45 मिग-29के विमान हैं।
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