मंगल मिशन ने अंतरिक्ष में पूरे किए तीन सौ दिन
यह भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रोत्साहित करने वाली खबर है कि लाल ग्रह की अपनी पहली यात्रा में मार्स ऑर्बिटर मिशन [मंगलयान] ने अंतरिक्ष में अपने तीन सौ दिनों के सफर को पूरा कर लिया है। वह मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने से महज 23 दिन दूर है।
चेन्नई। यह भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रोत्साहित करने वाली खबर है कि लाल ग्रह की अपनी पहली यात्रा में मार्स ऑर्बिटर मिशन [मंगलयान] ने अंतरिक्ष में अपने तीन सौ दिनों के सफर को पूरा कर लिया है। वह मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने से महज 23 दिन दूर है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] ने अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर कहा, 'अंतरिक्ष में मार्स ऑर्बिटर मिशन का तीन सौ दिन पूरा हो गया है। मंगल ग्रह तक पहुंचने में सिर्फ 23 दिन और लगेंगे।' इसरो ने बताया कि अंतरिक्षयान ने अपने सूर्य केंद्रित प्रक्षेपपथ में मंगल ग्रह की तरफ 62.2 करोड़ किमी की यात्रा की है। अब यह पृथ्वी से 20 करोड़ किमी दूर है और 22.33 किमी प्रति सेकेंड की गति से सफर कर रहा है। इसरो ने कहा कि यान और इसके सभी पेलोड पूरी तरह सही हालत में हैं।
अंतरिक्ष यान को गत वर्ष पांच नवंबर को आंध्रप्रदेश में श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया था। इसके 68 करोड़ किमी की यात्रा कर 24 सितंबर तक मंगल ग्रह पहुंचने की संभावना है। पिछले सप्ताह इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया था कि मंगलयान ने अपनी 90 फीसद यात्रा पूरी कर ली है।
मंगलयान की खास बातें
-100 दिन में दो करोड़ 10 लाख किलोमीटर की दूरी तय
-200 दिनों में सफर का 70 फीसदी हिस्सा पूरा
-300 दिनों में 90 फीसद से अधिक की यात्रा
-450 करोड़ रुपये लागत की महत्वाकांक्षी परियोजना
-मंगल ग्रह के वातावरण को लेकर शोध
-मीथेन गैस की मौजूदगी का पता लगाना। मीथेन जीवन की संभावनाओं का रास्ता प्रशस्त करता है।