केंद्र से टकराव से बंगाल में कई परियोजनाओं पर ग्रहण
राज्य ने केंद्र को पत्र लिखकर साफ कह दिया है कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नोटबंदी के बाद केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार के बीच चल रही तनातनी से पश्चिम बंगाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर ग्रहण लग गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अख्तियार करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब केंद्र को किसी भी प्रकार का सहयोग करने के मूड में नहीं हैं।
कुछ दिन पहले ही ममता राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश दे चुकी हैं कि वे केंद्र के किसी भी आदेश पर राज्य सरकार की अनुमति के बगैर अमल न करें। राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो केंद्र व राज्य के बीच जारी सियासी लड़ाई से कई विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उत्तर बंगाल में स्थित बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण करने के प्रस्ताव पर अब राज्य सरकार ने अक्षमता जाहिर की है।
राज्य ने केंद्र को पत्र लिखकर साफ कह दिया है कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि चूंकि उड्डयन मंत्रालय केंद्र सरकार के अधीन है इसलिए किसी भी केंद्रीय परियोजना के लिए धन के व्यय की अनुमति विधानसभा नहीं देगी। इसके साथ ही कहा गया है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बागडोगरा में जिस जमीन की पहचान की है, उसमें एक निजी टी गार्डेन स्थित है इसलिए इसकी खरीदारी पर भारी भरकम व्यय होगा। हालांकि राज्य सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि यदि जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार फंड मुहैया कराती है तो वह इसपर आगे बढ़ेगी।
उड्डयन मंत्रालय लंबे समय से एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग व रनवे के विस्तार के लिए राज्य सरकार से 118 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या को लेकर लंबे अरसे से यह मामला अटका हुआ है। राज्य सरकार ने कुछ माह पहले जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन नोटबंदी तथा तृणमूल सांसदों की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार सहयोग के मूड में नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के डिजिटाइजेशन अभियान में सहयोग नहीं देने का भी फैसला किया है।
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