Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोयला घोटालाः सीबीआइ ने की मनमोहन से पूछताछ

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Wed, 21 Jan 2015 10:46 AM (IST)

    कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में हिंडाल्को से जुड़े एक मामले में सीबीआइ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गहन पूछताछ की।

    नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में हिंडाल्को से जुड़े एक मामले में सीबीआइ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गहन पूछताछ की।

    जानकार सूत्रों के अनुसार अदालती फरमान के चलते सीबीआइ अधिकारियों के एक दल ने दो दिन पहले ही पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के निवास पर उनसे गहन पूछताछ की। ये पूछताछ 27 जनवरी को सीबीआइ की विशेष अदालत में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने से चंद रोज पहले की गई। हालांकि सीबीआइ की प्रवक्ता कंचन प्रसाद व पूर्व प्रधानमंत्री के सहायक से इस बारे में पूछे जाने पर इसकी पुष्टि करने से इंकार कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तालाबिरा-2 ब्लॉक का है मामला :
    कोयला घोटाले के मामले में हिंडाल्को के तालाबिरा-2 ब्लॉक के आवंटन के सिलसिले में मनमोहन सिंह से पूछताछ हुई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय भी था। 16 दिसंबर को इस मामले में आए अदालत के आदेश के संदर्भ में ये तफ्तीश हुई।

    कुमार मंगलम के पत्रों पर तफ्तीश :
    सूत्रों के मुताबिक , मनमोहन सिंह से ये तफ्तीश उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के पीएमओ को 7 मई, 2005 व 17 जून, 2005 को लिखे पत्रों के सिलसिले में हुई है। इस पत्र में कुमार मंगलम ने तब के प्रधानमंत्री मनमोहन से ओडिशा में तालाबिरा-2 कोयला ब्लॉक को हिंडाल्को को आवंटित किए जाने की अपील की थी। इसके बाद पीएमओ में हुई गतिविधियों को लेकर भी उनसे सीबीआइ ने सवाल-जवाब किए।

    कोयले की काली सियासत :
    गौरतलब है कि अरसे से ढीली पड़ी सीबीआइ की जांच में रफ्तार आने का कारण विशेष न्यायाधीश भरत पराशर का इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को ठुकराना है। अदालत ने कहा था कि बेहतर होगा कि तब के कोयला मंत्री (मनमोहन सिंह) से इस मुद्दे से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ हो।

    कोयला घोटाले में दर्ज 14वीं एफआइआर में सीबीआइ ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला व पूर्व कोयला सचिव पीके पारेख को आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी बनाया था। इसके बाद पारेख ने दावा किया था कि आखिरी फैसला प्रधानमंत्री (तबके) ने लिया था, इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया जाए।

    कोर्ट ने दिया मनमोहन से पूछताछ का आदेश

    सीबीआइ ने कोड़ा को बनाया अभियुक्त