Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वीके सिंह बोले, मनीष तिवारी पढ़ें मेरी किताब; हो जाएगा सारा खुलासा

    By Test1 Test1Edited By:
    Updated: Sun, 10 Jan 2016 11:43 AM (IST)

    विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने मनीष तिवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है, "मनीष तिवारी के पास आजकल कुछ काम नही है। मेरी एक किताब है वो उ ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने मनीष तिवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है, "मनीष तिवारी के पास आजकल कुछ काम नही है। मेरी एक किताब है वो उसको पढ़ लेंगे तो सब खुलासा हो जाएगा।" वहीं मनीष तिवारी ने वीके सिंह के इस बयान पर ट्विट करके जवाब दिया और कहा कि गाजियाबाद के सांसद इतना बैचेन क्यों हो रहे हैं, बिल्कुल, मैं उनकी किताब पढ़ना पंसंद करूंगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फौज की कूच का सच

    इससे पहले शनिवार को एक पुस्तक के विमोचन के दौरान कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 2012 में सेना की टुकड़ियों के दिल्ली की तरफ कूच करने की खबर बिल्कुल सही थी। उस वक्त मैं रक्षा मामलों के संसदीय स्थायी समिति में भी काम कर रहा था, जिसके बाद वी.के. सिंह की यह प्रतिक्रिया आई है।

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ न कुछ उस रात जरूर हुआ था जो संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ था।

    वहीं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा है, 'मैं पहले ही इस बारे में संसद में बोल चुका हूं, आप मेरे पुराने कमेंट्स देख सकते हैं।'

    कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है, 'मैं फिर से यह साफ करना चाहता हूं कि, 2012 में सेना कूच की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। मेरे सहयोगी (मनीष तिवारी) ना ही सुरक्षा वाली कैबिनेट कमेटी के सदस्य थे और ना ही प्रासंगिक निर्णय लेने वाली किसी समीति के।'

    कांग्रेस नेता पी सी चाको ने कहा कि इंडियन एक्सप्रेस में फौज की कूच संबंधित खबरें बेबुनियाद थीं। उस रात ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। सरकार की जानकारी के बगैर ये संभव नहीं है। तत्कालीन सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी बात रख दी थी।

    भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी का कहना है कि अब उन्हें (मनीष तिवारी) खुद अपने आप पर हंसी आ रही होगी

    वहीं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने कहा है कि में रक्षा समिति का अध्यक्ष था,और हमने बताया था कि आर्मी मूवमेंट एक रेगुलर अभ्यास था।

    वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कहना है कि मैं उस समय कैबिनेट मंत्री था और इस तरह की घटना कभी नहीं हुई

    गौरतलब है कि अंग्रेजी के एक समाचार पत्र ने 4 अप्रैल, 2012 को सेना की दो टुकड़ियों के बिना किसी पूर्व सूचना के दिल्ली की तरफ कूच करने की जो खबर छापी थी,जिसमें कहा गया था कि 16 जनवरी 2012 को जिस दिन थल सेनाध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह सरकार के खिलाफ अपने आयु विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे उसी दिन देर रात इंटेलिजेंस एजेंसी को ये पता चला कि बिना किसी पूर्व सूचना के दिल्ली के पास सेना की दो टुकड़ियों का जमावड़ा हो गया।

    पढें: वीके सिंह के बयान को विपक्ष ने दिया नया रंग

    अखबार में छपी खबर में इसका उल्लेख किया गया कि हिसार से सेना की टुकड़ी दिल्ली के नजफगढ़ तक आई थी, जबकि आगरा से एक यूनिट हिंडन तक पहुंची थी। सामान्य रूप से सेना की टुकड़ियों के अभ्यास की खबर सरकार को पहले ही दी जाती है, लेकिन खबर में दावा किया गया कि इस मामले में ऐसा नहीं हुआ था।

    यह भी कहा गया कि जिस वक्त सेना का यह ‘मूवमेंट’ हुआ, उस वक्त रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा मलेशिया दौरे पर थे लेकिन सरकार ने उन्हेंज तुरंत तलब किया। इसके बाद शर्मा रात में दिल्ली पहुंचे और सीधे अपने दफ्तर गए। वहां से सीधे उन्होंने तत्कालीन डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन) एक.के.चौधरी को पूरे मामले को देखने और उसका पूरा ब्यौरा देने को कहा था। जिसके बाद सेना की टुकड़ियों को वहीं पर रोक दिया गया और उसके बाद उसे वहां से वापस भेज दिया गया।