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    रेलवे स्टाफ की पृष्ठभूमि की पुलिस जांच होगी अनिवार्य

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:42 PM (IST)

    रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब सभी रेलवे कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की पुलिस जांच अनिवार्य होगी। इस जांच का उद्देश्य आपराधिक रिकॉर्ड वाले या सुरक्षा के लिए खतरा बन सकने वाले व्यक्तियों को रेलवे में काम करने से रोकना है। रेलवे का मानना है कि इससे यात्रियों और कर्मचारियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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    रेलवे स्टाफ की जांच अनिवार्य। (प्रतीकात्मक)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड ने सभी जोनों को निर्देशित किया है कि वे सभी आनबोर्ड अटेंडेंट्स और स्टाफ की व्यापक पुलिस जांच सुनिश्चित करें। यह कदम एक हालिया घटना के बाद उठाया गया है जिसमें एक कोच अटेंडेंट ने बिस्तर की चादर को लेकर हुए विवाद के बाद एक सेना के जवान की हत्या कर दी थी। यह वारदात चार नवंबर को जम्मू तवी-सबरमती एक्सप्रेस में हुई, जब यह उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के बीकानेर डिविजन से गुजर रही थी।

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    रेलवे बोर्ड ने सभी 18 जोनों के सामान्य प्रबंधकों को संबोधित एक पत्र में कहा, 'हालिया घटना को देखते हुए यह और भी आवश्यक और तात्कालिक हो गया है कि सभी आनबोर्ड संविदा स्टाफ की व्यापक पुलिस जांच तुरंत पूरी की जाए और इसे सीएमएम (कोचिंग मेंटेनेंस मैनेजमेंट) पोर्टल पर अपडेट किया जाए।''

    इसमें बताया गया, 'जोनल रेलवे को स्थिति की जांच करनी चाहिए, लंबित मामलों की पहचान करनी चाहिए और सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना चाहिए।''

    बोर्ड के अनुसार, आनबोर्ड यात्री सेवाओं को लगातार प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे सुरक्षित और प्रभावी सेवा वितरण के लिए पेशेवर एजेंसियों को नियुक्त करता है। पत्र में यह भी कहा गया कि आनबोर्ड यात्रा करने वाले संविदा स्टाफ, जैसे कि एसी कोच अटेंडेंट्स ओबीएचएस (आनबोर्ड हाउसकीपिंग सेवाएं) स्टाफ आदि की उचित पृष्ठभूमि जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे यात्रियों को सेवाएं प्रदान करते हैं।

    बोर्ड ने कहा,'इस संबंध में समय-समय पर ओबीएचएस/लाइन वितरण स्टाफ की पुलिस जांच सुनिश्चित करने और सीएमएम पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं ताकि उनकी सख्त निगरानी की जा सके। जोनल रेलवे को फिर से सलाह दी जाती है कि वे सभी ऑन-बोर्ड स्टाफ की पुलिस जांच प्रक्रिया को पूरा करें और सीएमएम पोर्टल पर डाटा अपडेट सुनिश्चित करें।''

    पत्र में 2015 का एक परिपत्र संलग्न किया गया है जिसमें बोर्ड ने सभी रेलवे जोनों को एक संविदा बिस्तर रोल अटेंडेंट द्वारा एक महिला के साथ कथित दु‌र्व्यवहार की रिपोर्ट के बाद पुलिस जांच करने का निर्देश दिया था।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)