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मां की गोद सूनी होने से बचा ली इस फरिश्ते ने

यह किसी रूपहले पर्दे का सीन नहीं, बल्कि एक हकीकत थी। एक युवक ने फरिश्ते का रूप अख्तियार कर एक मां की गोद उजड़ने से बचा ली। फरिश्ता इसलिए क्योंकि वह इसके बाद चुपचाप बिना किसी को अपना परिचय दिए मौके से चला गया।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 09:07 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 10:49 AM (IST)
मां की गोद सूनी होने से बचा ली इस फरिश्ते ने

सुनील गौड़, फरीदाबाद। यह किसी रूपहले पर्दे का सीन नहीं, बल्कि एक हकीकत थी। एक युवक ने फरिश्ते का रूप अख्तियार कर एक मां की गोद उजड़ने से बचा ली। फरिश्ता इसलिए क्योंकि वह इसके बाद चुपचाप बिना किसी को अपना परिचय दिए मौके से चला गया।

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दरअसल, वाक्या यूं है। मंगलवार सुबह न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पर आठ बजे प्लेटफार्म नंबर-3 पर उस वक्त कोहराम मच गया, जब पलवल से नई दिल्ली जाने वाली ईएमयू में चढ़ने की धक्कामुक्की में एक नेत्रहीन महिला का छह महीने का बच्चा उसकी गोद से फिसल कर बोगियों के बीच के जोड़ के पास पटरी पर गिर गया।

महिला ने शोर मचाया, लेकिन किसी में बच्चे को निकालने की हिम्मत नहीं हुई। इस बीच, ट्रेन सीटी देकर रेंगने लगी। तभी अचानक भीड़ में से एक युवक फरिश्ते के रूप में आगे आया और नीचे उतरकर बच्चे को सुरक्षित निकाल लाया। युवक ने बच्चे को महिला को सौंप दिया।

मौके पर मौजूद दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में एएनएम और एनएच-दो निवासी सरोज देवी ने बताया कि युवक नेक काम को अंजाम देकर खामोशी से चला गया। महिला दैनिक यात्री संघ की उपप्रधान शांति आर्य ने कहा कि तय स्थान पर कोच न लगने के कारण महिलाओं को हमेशा परेशानी होती है।


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