फिर सुलगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश
मुजफ्फरनगर दंगों के एक महीने बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश फिर सुलग उठा है। सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी और उन पर रासुका लगाने के विरोध में रविवार को खेड़ा गांव की महापंचायत पर रोक के बावजूद बीस हजार की भीड़ जुट गई। कमिश्नर, डीआइजी, डीएम व एसएसपी की मौजूदगी में हालात इस कदर बिगड़े कि भीड़ उग्र हो गई।
जागरण संवाददाता, मेरठ। मुजफ्फरनगर दंगों के एक महीने बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश फिर सुलग उठा है। सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी और उन पर रासुका लगाने के विरोध में रविवार को खेड़ा गांव की महापंचायत पर रोक के बावजूद बीस हजार की भीड़ जुट गई। कमिश्नर, डीआइजी, डीएम व एसएसपी की मौजूदगी में हालात इस कदर बिगड़े कि भीड़ उग्र हो गई। आला अफसरों की गाडि़यों समेत 64 सरकारी गाड़ियों और रोडवेज बसों में तोडफोड़ की गई। चार गाड़ियों में आग लगा दी गई। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और फायरिंग तक करनी पड़ी। फायरिंग-पथराव में एसपी क्राइम समेत 27 पुलिसकर्मी व आठ अन्य लोग घायल हो गए।
पुलिस ने 90 गांवों में नाकेबंदी कर 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सरधना में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हैं। जिला प्रशासन ने सेना को भी सतर्क कर दिया है। इस बीच, लखनऊ में पुलिस प्रशासन ने कहा कि माहौल को बिगाड़ने में विधायक संगीत सोम के भाई और उनकी पत्नी की भूमिका पाई गई है। इस संबंध में मेरठ में एफआइआर दर्ज की जा रही है।
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ज्ञापन लेने से इन्कार पर भड़के लोग
ठाकुर चौबीसी की महापंचायत को लेकर प्रशासन शनिवार रात से ही हालात का आकलन नहीं कर पाया। प्रशासन पंचायत स्थगित करने के लिए आयोजकों की मान-मनौव्वल कर रहा था लेकिन खेड़ा में भारी भीड़ जुट गई। जनता इंटर कॉलेज में अफसरों को मांगपत्र देने गए लोग उत्तेजित थे और नारेबाजी कर रहे थे। पर आला अफसर अपने विवेक के बजाय लखनऊ से निर्देशों की ताक में थे। प्रमुख सचिव और डीजीपी से कमिश्नर मनजीत सिंह लगातार संपर्क में रहे। उन्होंने महापंचायत के प्रतिबंधित होने के कारण ज्ञापन लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पूरा नजारा बदल गया। उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और रबर बुलेट का सहारा लिया। फायरिंग भी हुई। इस पर खेतों में छुपी भीड़ ने तितर-बितर होकर आगजनी और पथराव शुरूकर दिया।
और सख्ती होगी : गृह सचिव
लखनऊ : पंचायतों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अब सख्ती करेगी। सरकार ने कहा कि खेड़ा में प्रतिबंधित पंचायत को सख्ती से रोका गया। मेरठ के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व डीआइजी को घेर लिया। इन अधिकारियों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया। तब पुलिस ने बल प्रयोग किया। गृह सचिव कमल सक्सेना व अपर पुलिस महानिदेशक व आइजी कानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि प्रतिबंध तोड़ने वालों से बेहद सख्ती से निपटा जाएगा।
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