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दो से अधिक बच्चों के पिता निकले जज, हाइकोर्ट ने किए बर्खास्त

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने एक ऐसे पदस्थ चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश को बर्खास्त कर दिया है जो दो से ज्यादा बच्चों का पिता थे।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 16 Sep 2017 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 16 Sep 2017 12:47 PM (IST)
दो से अधिक बच्चों के पिता निकले जज, हाइकोर्ट ने किए बर्खास्त
दो से अधिक बच्चों के पिता निकले जज, हाइकोर्ट ने किए बर्खास्त

बलबीर सिंह (ग्वालियर)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई दो से ज्यादा बच्चों के पिता होने पर की गई है। उनकी कोर्ट के केस दूसरे न्यायालय में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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जनसंख्या नियंत्रण के लिए वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश सरकार ने कानून बनाया था। इसके तहत वर्ष 2001 के बाद वही व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता था, जिसके अधिकतम दो बच्चे थे। दो से ज्यादा बच्चे होने पर संबंधित व्यक्ति सरकारी नौकरी का हकदार नहीं था। हाई कोर्ट ने अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर वकीलों से सीधी भर्ती के लिए मई 2017 में विज्ञापन निकाला था। ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मनोज कुमार की चतुर्थ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति मिली थी। उन्हें ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ किया गया था। जब फॉर्म भरा था तब उन्होंने बच्चों की जानकारी नहीं दी थी। नियुक्ति के बाद मनोज कुमार द्वारा हाई कोर्ट को दी जानकारी में बताया कि उनके तीन बच्चे हैं। मामले को फुलकोर्ट मीटिंग में रखा गया और दो से अधिक बच्चे होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस संबंध में जब मनोज कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।


फॉर्म में बच्चों की जानकारी देना अनिवार्य

मप्र हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मो. फहीम अनवर ने बताया, 'सरकारी नौकरी के फॉर्म में वैवाहिक स्थिति, बच्चों की संख्या पूछी जाती है। अगर विवाहित हैं तो बच्चों की जानकारी देनी होती है। चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार दो से ज्यादा बच्चों के पिता हैं। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का नोटिस दे दिया है।'

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