आय कर देने में लखनऊ जोन के करदाता अव्वल
चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन में व्यक्तिगत आय कर संग्रह में पिछले साल के मुकाबले भारी भरकम 51 प्रतिशत वृद्धि हुई। वहीं कानपुर और पटना जोन में भी करीब 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। नोटबंदी से बेअसर लखनऊ जोन के करदाताओं ने आय कर जमा करने में नया मुकाम हासिल किया है। चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन में व्यक्तिगत आय कर संग्रह में पिछले साल के मुकाबले भारी भरकम 51 प्रतिशत वृद्धि हुई। आय कर संग्रह में लखनऊ जोन की यह दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरीय क्षेत्रों के मुकाबले काफी अधिक है। खास बात यह है कि कानपुर और पटना जोन में भी व्यक्तिगत आय कर संग्रह में करीब 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है जो राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्गित आय कर संग्रह की वृद्धि दर से काफी अधिक है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में एक अप्रैल से 19 दिसंबर तक देशभर में व्यक्तिगत आय कर का शुद्ध संग्रह 2,25,195 करोड़ रुपये हुआ है। इस राशि में रिफंड के रूप में वापस की गयी कर राशि शामिल नहीं है। साथ ही इसमें कारपोरेट टैक्स के रूप में उद्योगों से वसूले जाने वाले कर की राशि भी शामिल नहीं है। पिछले वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 30 नवंबर तक व्यक्गित आय कर का शुद्ध संग्रह 1,83,255 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में व्यक्गित आय कर में 23.89 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सूत्रांे ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक व्यक्गित आय कर संग्रह में सबसे ज्यादा वृद्धि लखनऊ जोन में हुई जिसमें लगभग पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश आता है। लखनऊ जोन में इस अवधि में 4,668 करोड़ रुपये व्यक्गित आयकर से जुटाए गए हैं जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान 3089 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इस तरह इसमंे 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह कानपुर जोन में चालू वित्त वर्ष में 5,781 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 4408 करोड़ रुपये था। इस तरह इसमें 31.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं पटना जोन में भी व्यक्गित आयकर में 29.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल पटना जोन में अप्रैल से नवंबर के दौरान 3333 करोड़ रुपये शुद्ध आयकर संग्रह हुआ था जो इस साल बढ़कर 4327 करोड़ रुपये हो गया है।
सूत्रों ने कहा कि इस दौरान मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्गित आय कर वृद्धि दर से कम रही है। सूत्रों ने कहा कि देशभर में जिस तरह अब तक व्यक्तिगत आय कर संग्रह में वृद्धि हुई उससे स्पष्ट है कि नोटबंदी का असर सरकार के राजस्व पर नहीं पड़ा है।
सूत्रों ने कहा कि व्यक्तिगत आय कर के माध्यम से सरकार ने आम बजट 2016-17 के दौरान जितनी राशि जुटाने का लक्ष्य रखा था, उसकी करीब दो-तिहाई राशि अब तक जुटायी जा चुकी है। सूत्रों ने कहा कि इस साल पिछले साल की अपेक्षा अधिक रिफंड जारी होने के बावजूद भी प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर सरकार के राजस्व संग्रह का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
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