'लव जिहाद' ब्लू व्हेल गेम जैसा, दोनों का लक्ष्य एक: सुप्रीम कोर्ट
केरल हाई कोर्ट ने 25 मई को हिंदू महिला हादिया का निकाह रद कर दिया था। उसे उसके माता-पिता के पास रखने का आदेश दिया था। हादिया ने शफी जहां से दिसंबर 2016 में निकाह किया था।
नई दिल्ली, ब्यूरो/ एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चर्चित 'लव जिहाद', मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज आरवी रविन्द्रन की निगरानी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने का आदेश दिया है। यह केस एक हिंदू युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम पुरुष से विवाह कराने का है। केरल हाई कोर्ट विवाह को खारिज कर चुका है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की- 'जिस तरह इंटरनेट गेम ब्लू व्हेल में किसी लड़के या लड़की को टास्क दिए जाते हैं और अंत में उसे आत्महत्या करना होती है, उसी तरह आजकल किसी को भी खास मकसद के लिए राजी करना आसान हो गया है।' सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने युवक शफी जहां की अपील पर जांच का आदेश दिया। हाई कोर्ट के आदेश को उसने चुनौती दी है। शफी ने ही हिंदू युवती से निकाह किया था, जिसे खारिज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच में कोई गफलत न हो, इसलिए रिटायर्ड जज की निगरानी में निष्पक्ष एनआईए जांच का आदेश दिया गया है।
केरल में यही पैटर्न: एनआईए सुप्रीम कोर्ट में एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि यह अकेला केस नहीं है। केरल में यही पैटर्न अपनाया जाता है। ऐसा लगता है कि युवतियों को उकसाकर पहले इस्लाम कबूल कराया जाता है और फिर उनका निकाह कराया जाता है। सुनवाई के दौरान केरल सरकार के वकील वी. गिरि ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाहती है तो उसे एनआईए जांच में कोई एतराज नहीं है। राज्य की पुलिस एनआईए को मदद करेगी।
सिब्बल ने किया विरोध: याचिकाकर्ता शफी जहां के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वे उन मामलों को लेकर हलफनामा दे सकते हैं, जिनमें बाद में एनआईए ने 'यू टर्न' लिया है। यह उचित रहेगा कि कोर्ट उस युवती को तलब कर उससे बात करे। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामला खत्म हो जाएगा। इसलिए जांच के बाद आदेश जारी करने से पहले अंत में युवती से बात की जाएगी।
यह है मामला
केरल हाई कोर्ट ने 25 मई को हिंदू महिला हादिया का निकाह रद कर दिया था। उसे उसके माता-पिता के पास रखने का आदेश दिया था। हादिया ने शफी जहां से दिसंबर 2016 में निकाह किया था। आरोप है कि निकाह से पहले हादिया को उकसाकर धर्म परिवर्तन कराया गया। साथ ही आरोप ये भी है कि महिला को आईएस ने सीरिया में अपने मिशन में भर्ती किया था और उसका पति शफी मोहरा था। युवती के पिता अशोकन केएम का आरोप था कि राज्य में इस्लामिक कट्टरता और धर्मातरण का एक रैकेट काम कर रहा है।
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