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    नौ अहम संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण बिल लोस में पारित

    By Test2 test2Edited By:
    Updated: Wed, 11 Mar 2015 09:56 AM (IST)

    लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक नौ अहम बदलाव के साथ ध्वनिमत से पारित हो गया। इसमें विस्थापित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अपील का अधिकार देना सबसे महत्वपूर्ण है। बिल पर सरकार ने अपने सहयोगियों को मना लिया। अब यह राज्यसभा की मंजूरी के

    नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक नौ अहम बदलाव के साथ ध्वनिमत से पारित हो गया। इसमें विस्थापित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अपील का अधिकार देना सबसे महत्वपूर्ण है। बिल पर सरकार ने अपने सहयोगियों को मना लिया। अब यह राज्यसभा की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है।

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    इन दलों ने किया विरोध

    कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, राजद व बीजद ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वॉक आऊट कर दिया।

    शिवसेना सदस्य अनुपस्थित

    लोस में ध्वनिमत के जरिए बिल पारित हुआ। इसमें राजग सरकार की सहयोगी शिवसेना के सांसदों ने सदन से अनुपस्थित रह कर विरोध जताया। जबकि राजग की एक अन्य सहयोगी स्वाभिमानी पक्ष द्वारा रखा गया संशोधन वोटिंग में खारिज हो गया।

    विपक्ष के 52 संशोधन खारिज

    विपक्ष ने बिल में संशोधन के 52 सुझाव दिए थे। वे वोटिंग से खारिज कर दिए गए।

    ये हैं प्रमुख संशोधन

    -सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को 'मंजूरी न लेने वाले सेक्टर'Þ से बाहर करना
    -सिर्फ सरकारी संस्थाओं, निगमों के लिए जमीन का अधिग्रहण
    -औद्योगिक कॉरिडोर के लिए राष्ट्रीय—राजमार्ग, रेलवे लाइन के दोनों तरफ सिर्फ एक—एक किलोमीटर जमीन का अधिग्रहण
    - किसानों को अपने जिले में शिकायत या अपील का अधिकार देना
    -औद्योगिक कॉरिडोर के लिए सीमित जमीन का अधिग्रहण करना
    -परियोजनाओं के लिए बंजर जमीनों के अधिग्रहण
    - विस्थापित परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी देना

    सरकारी संशोधन सिर्फ दिखावटी : पूनिया

    कांग्रेस नेता और सांसद पीएल पूनिया ने कहा है कि सरकार के ये संशोधन केवल दिखावे के हैं। कहा जा रहा था कि सरकार बिल में कुछ संशोधन करने पर विचार कर रही है। सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्री वैंकेया नायडू, अरण जेटली और वीरेंद्र सिंह ने बिल को लेकर विपक्ष के नेताओं से बात भी की है।

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