जलीकट्टू: मोबाइल टार्च जलाकर हजारों लोगों का मरीना बीच पर प्रदर्शन
विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने जानकारी देते हुए कहा कि एटॉर्नी जनरल ने पहले ही कहा है कि राज्य इस संबंध में अध्यादेश पारित कर सकता है।
चेन्नई,एएनआई । तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया है। मरीना तट पर गुरुवार को हजारों स्थानीय लोगों ने प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। यही नहीं विपक्षी दल डीएमके ने शुक्रवार को राज्यभर में रेल रोको प्रदर्शन करने की बात कही है।
विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने जानकारी देते हुए कहा कि एटॉर्नी जनरल ने पहले ही कहा है कि राज्य इस संबंध में अध्यादेश पारित कर सकता है। उन्होंने राज्य के सीएम पन्नीरसेल्वम पर निशाना साधते हुए कहा कि वो अबतक इस मामले में चुप हैं। स्टालिन ने बताया कि मैंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी लेकिन उसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
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इस बीच तमिलनाडु के सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने गुरूवार की दोपहर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम ने कहा कि ये मामला न्यायालय के सामने लंबित है बावजूद इसके वो जलीकट्टू के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को समझते हैं। तमिलनाडु के सीएम ने पीएम से लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अध्यादेश लाने की मांग की थी।
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जलीकट्टू के समर्थन में दिल्ली में प्रदर्शन
जल्ली कट्टू के समर्थन में बृहस्पतिवार को लोगों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके पहले तमिल अधिवक्ताओं और छात्रों ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला और जल्ली कट्टू पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जल्ली कट्टू तमिलनाडु की गौरवपूर्ण संस्कृति का प्रतीक है। प्रदर्शन मार्च में अधिकतर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र थे। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आनंद सेल्वम ने कहा कि जल्ली कट्टू हमारा परंपरागत अधिकार है। इसे कोई नहीं छीन सकता।