केजरीवाल के दरबार में जनता हुई बेकाबू
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली सचिवालय पर लगे पहले जनता दरबार में इस कदर जनसैलाब उमड़ा कि पूरा कार्यक्रम ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। केजरीवाल के जनता दरबार में पहुंचते ही घंटों से इंतजार कर रही अपनी बात कहने के लिए टूट पड़ी। मुख्यमंत्री को अपनी समस्या पहले बताने के लिए भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और उन तक पहुंचने का प्रयास करने लगी। भगदड़ और धक्कामुक्की में कई महिलाएं व बुजुर्ग गिर पड़े। कई लोग महिलाओं को पीछे ढकेलते हुए मुख्यमंत्री की टेबल तक पहुंच गए।
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली सचिवालय पर लगे पहले जनता दरबार में इस कदर जनसैलाब उमड़ा कि पूरा कार्यक्रम ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। केजरीवाल के जनता दरबार में पहुंचते ही घंटों से इंतजार कर रही अपनी बात कहने के लिए टूट पड़ी। मुख्यमंत्री को अपनी समस्या पहले बताने के लिए भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और उन तक पहुंचने का प्रयास करने लगी। भगदड़ और धक्कामुक्की में कई महिलाएं व बुजुर्ग गिर पड़े। कई लोग महिलाओं को पीछे ढकेलते हुए मुख्यमंत्री की टेबल तक पहुंच गए।
माहौल को देखते हुए केजरीवाल को जनता दरबार को छोड़ना पड़ा। बाद में उन्होंने सचिवालय की छत पर खड़े होकर लोगों से नियंत्रित होने की अपील की। समस्याएं लेकर आए लोग मुख्यमंत्री की अपील पर नहीं माने सचिवालय के सामने ही अलग-अलग गुटों में धरने पर बैठ गए।
लगभग एक घंटे बाद अपने कार्यालय से बाहर आए केजरीवाल ने चारदीवारी के पीछे से ही टेबल पर चढ़कर जनता को संबोधित किया और लोगों से कहा, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जनता इतनी परेशान है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे। अपनी शिकायत पत्र जमा कर लोग घर जाएं। आठ दिन बाद जनता दरबार फिर लगेगा। उन्होंने लोगों से कहा कि आप लोग कई साल से समस्याएं झेल रहे हैं, उन्हें काम करने के लिए केवल दो महीने का समय दे दें।
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जनता दरबार में कुल 2582 शिकायतें आई, जिन पर कार्रवाई के लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कई शिकायतों के जमीन पर डाले जाने से लोग नाराज भी हुए लेकिन स्थिति नियंत्रित कर ली गई।
सुबह से ही लग गया था जमावड़ा
जनता दरबार का समय सुबह साढ़े नौ बजे से था, लेकिन लोग ठंड में भी सुबह से ही जुटने लगे। न केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और यहां तक कि महाराष्ट्र से भी लोग जनता दरबार में पहुंचे थे। सचिवालय के सामने का पूरा परिदृश्य बदला हुआ था। हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे और पूरी दिल्ली सरकार सड़क पर बैठी हुई थी।
मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट 9.25 बजे ही कुर्सी टेबल लगाकर बैठ गई। हेल्प डेस्क से लोगों को संबंधित मंत्रियों व मुख्यमंत्री के पास भेजा जा रहा था। लेकिन हर कोई मुख्यमंत्री से पहले ही मिलना चाह रहा था। इसी के चलते स्थिति बिगड़ी।
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