मिड डे मील हादसा: थम नहीं रहा खौफ, किचन पड़े हैं सूने
छपरा के मशरक प्रखंड स्थित धर्मासती गंडामन गांव के प्राइमरी स्कूल में मौत की थाली बने मिड डे मील [मध्याह्न भोजन] का खौफ बच्चों और अभिभावकों के जेहन में भीतर तक बैठ गया है। घटना के चार दिन बाद भी बिहार के सारण जिले के अधिकांश प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में चूल्हे नहीं जले। नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में 23 बच्चों की मौत के बाद मातम छाया हुआ है। स्कूल के आसपास शुक्रवार को भी लोगों का जमावड़ा लगा रहा। पठन-पाठन नहीं हो सका।
छपरा [जागरण संवाददाता] छपरा के मशरक प्रखंड स्थित धर्मासती गंडामन गांव के प्राइमरी स्कूल में मौत की थाली बने मिड डे मील [मध्याह्न भोजन] का खौफ बच्चों और अभिभावकों के जेहन में भीतर तक बैठ गया है। घटना के चार दिन बाद भी बिहार के सारण जिले के अधिकांश प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में चूल्हे नहीं जले। नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में 23 बच्चों की मौत के बाद मातम छाया हुआ है। स्कूल के आसपास शुक्रवार को भी लोगों का जमावड़ा लगा रहा। पठन-पाठन नहीं हो सका। विद्यालय में दो शिक्षिकाएं ही थीं। एक शिक्षिका अवकाश पर हैं तो प्रभारी प्रधानाध्यापक मीणा कुमारी फरार हैं।
घटना के बाद से प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति न के बराबर हो रही है। जिन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बन रहा है, वहां बच्चे खाने से इन्कार कर रहे हैं। गड़खा, तरैया, अमनौर, बनियापुर, पानापुर के स्कूलों में बच्चे तो जा रहे हैं लेकिन अभिभावक स्कूल के शिक्षकों को भोजन नहीं बनाने की हिदायत दे रहे हैं। शिक्षक भी खौफजदा हैं। विद्यालय प्रबंधन भोजन बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। शिक्षकों को यह लग रहा है कि कहीं भोजन खाने से कोई बच्चा बीमार पड़ गया तो अभिभावक कुछ भी कर सकते हैं।
इस बीच राज्य के मानव संसाधन विकास विभाग ने अखबारों में विज्ञापन देकर भोजन बनाने में नियम का पालन करने, साफ-सफाई रखने की विशेष हिदायत प्रधानाध्यापकों को दी है ताकि कोई बच्चा बीमार न पड़े। इसके लिए विद्यालय प्रबंधन को विशेष निगरानी करने की बात कही गई है। इसके बाद भी कई विद्यालयों में चावल के भंडारण, किचन शेड के रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सदर प्रखंड के कई विद्यालयों में कीड़े लगे चावल व खराब तेल रखे हुए हैं।
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छावनी में तब्दील गांव
शुक्रवार सुबह धर्मासती गांव अचानक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। दरअसल किसी ने अफवाह फैला दी कि जिन बच्चों का शव दफन किया गया है, उन सभी को कुत्तों व सियार ने ने खोदकर बाहर निकाल लिया है। इससे ग्रामीण आक्रोशित होने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि जानवरों ने भरे गए गड्ढों को खोद तो दिया था, लेकिन शव बाहर नहीं निकला था।
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घोर लापरवाही बरती गई
पटना। विषाक्त मध्याह्न भोजन मामले में बिहार सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइमरी स्कूल प्रबंधन की तरफ से घोर लापरवाही बरती गई। तेल में जहर की आशंका, बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में विभागीय आदेश का उल्लंघन और मानीटरिंग की कमी का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि विसरा, तेल और खाद्य सामग्री आदि की जांच रिपोर्ट शनिवार तक आएगी। उन्होंने फिर कहा कि इस संबंध में उन्हें केंद्र सरकार से कोई अलर्ट नहीं मिला था।
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