सोशल मीडिया में छाया विश्वास का 'मोदी पाठ'
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास द्वारा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सम्मान में पढ़ी गई कविता इन दिनों सोशल मीडिया में खूब चर्चा में है। इसे लोग फेसबुक पर खूब शेयर कर रहे हैं। वर्ष 200
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास द्वारा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सम्मान में पढ़ी गई कविता इन दिनों सोशल मीडिया में खूब चर्चा में है। इसे लोग फेसबुक पर खूब शेयर कर रहे हैं।
वर्ष 2009 में कवि सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इसमें कुमार विश्वास मोदी के सम्मान में जमकर कसीदे पढ़ते दिखाए गए हैं।
कुमार विश्वास की इस कविता को खूब शेयर किया जा रहा है। खासकर नरेंद्र मोदी के समर्थक इसे शेयर क रते हुए आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास पर जमकर निशाना साध रहे हैं। मोदी को देश के सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री में सबसे लोकप्रिय बताते हुए कुमार विश्वास कह रहे हैं-
एक बार फिर जीवन का रथ मुड़ा शुक्र के पथ पर
राजनीति ने डोरे डाले फिर लेखन के व्रत पर
लक्ष्मण रेखा बड़ी क्षीण, बड़ी क्रूर है काई .
कदम कदम पर फिसलाती है, रेशम सी चिकनाई
और जिस राजनीति को काजल कहा जाता है
बहुत कठिन है निष्कलंक रह कर के यह सब करना
जब-जब इनको अपना कहकर इनको गले लगाते
पर जब जब आप सहारा देते इनका सिर सहलाते
तब तब मुझको लगता है यह जीवन जी लेंगे
और नीलकंठ की तरह यहां का सारा विष पी लेंगे।
इस देश के अराजक धुएं के बीच
बस दो चार रोशनदान हैं
जिनसे उजाले की किरण आती है
विपरीत लोग भी अनुकूल लोग भी
दोनों आपके अस्तित्व को इन्कार नहीं कर सकते
विपरीत पूरी शिद्दत के साथ अस्वीकार करते हैं
और अनुकूल लोग पूरी शिद्दत के साथ स्वीकार करते हैं
मनुष्य वो जो ऐसे जिए कि जब फूल की तरह
धरती से जाए . तो बीज धरती में हो और सुगंध आसमान में।
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