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जानें- आखिर क्‍यों बौखलाया है चीन जो कर बैठा लद्दाख में भारत को आंख दिखाने की भूल

लद्दाख में जो कुछ हुआ है उसके पीछे चीन का वो डर है जो यदि सच हो गया तो वो बर्बाद तक हो सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:55 PM (IST)
जानें- आखिर क्‍यों बौखलाया है चीन जो कर बैठा लद्दाख में भारत को आंख दिखाने की भूल
जानें- आखिर क्‍यों बौखलाया है चीन जो कर बैठा लद्दाख में भारत को आंख दिखाने की भूल

नई दिल्‍ली। लद्दाख के गलवन वैली में चीन के सैनिकों के साथ हुई हाथापाई में दो भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना वास्‍तव में काफी बड़ी है। बड़ी इसलिए भी है, क्‍योंकि कई दशकों के बाद इस क्षेत्र में कोई भारतीय जवान शहीद हुआ है। इस क्षेत्र में चीन की तरफ से घुसैपैठ की जो कोशिश अप्रैल में हुई थी वो भी पहली बार हुई है। हालांकि, इससे पहले चीनी सैनिक दौलत बेग ओल्‍डी सेक्‍टर और पैंगॉन्‍ग शॉ घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। जानकारों के मुताबिक, यहां दोनों देशों की सीमा पर किसी भी तरह की फैंसिंग नहीं है। चीन की सोच और उसकी रणनीति को समझने के लिए कुछ समय पहले का रुख करना जरूरी होगा, क्‍योंकि वहीं से इसकी दो बड़ी वजह सामने आती हैं।

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इस बाबत रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्‍शी का कहना है कि पूर्व में भारत को लेकर चीन का रवैया कैसा रहा है ये किसी से छिपा नहीं है। उसकी कारगुजारियों की वजह से ही वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद पैदा हुआ था, जो करीब 72 दिनों तक चला था। इस दौरान दोनों सेनाएं आमने-सामने मौजूद रही थीं,लेकिन अंत में कूटनीतिक रास्‍ते से इसका हल तलाशा गया और ये मामला सुलट गया। अब फिर वो अपने उसी इरादे के साथ सामने आया है। हालांकि, इस बार भी भारत ने बातचीत को लेकर अपनी नियत और नीति दोनों ही स्‍पष्‍ट कर दी हैं।

आपको बता दें कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार का गठन हुआ है तब से ही सरकार की तरफ से एक बात बेहद स्‍पष्‍ट तौर पर कही गई है कि पाकिस्‍तान से गुलाम कश्‍मीर समेत गिलगिट और बाल्टिस्‍तान का पूरा क्षेत्र वापस लेना है। ये सरकार के एजेंडा का एक हिस्‍सा भी है, जिसको लेकर सरकार का नजरिया काफी पहले से स्‍पष्‍ट है। वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने 1962 के बाद चीन द्वारा अवैध रूप से हथियाए गए भारतीय क्षेत्र अक्‍साई चिन को भी भारत ने वापस मांगा है। ये वो पहली बड़ी वजह हैं जिसको लेकर चीन भड़का और बौखलाया हुआ है।

दरअसल, पाकिस्‍तान ने जिस भारतीय क्षेत्र क्षेत्र पर अवैध कब्‍जा किया हुआ है, वहां से ही चीन की एक महत्‍वाकांक्षी योजना आर्थिक गलियारा होकर गुजर रहा है। इस गलियारे पर चीन की तरफ से अरबों का खर्च किया जा रहा है। हालांकि, इसके तीन मकसद हैं। पहला मकसद भारत की पश्चिमी सीमा पर नजर रखना। दूसरी बड़ी वजह कम लागत और कम समय में माल अपने देश ले जाना। तीसरी वजह पाकिस्‍तान को कर्ज के बोझ में इतना दबा देना कि वे उससे उबर न पाए और उसको चीन की हर बात के आगे झुकना पड़े।

आर्थिक गलियारे को लेकर भारत की तरफ से पहले भी सवाल खड़ा किया गया था, जिसका अमेरिका ने भी समर्थन किया था। चीन को डर इस बात का है कि यदि भारत ने पाकिस्‍तान से अपना हिस्‍सा वापस लेने के लिए कदम बढ़ाया तो उसका अरबों डॉलर का निवेश बर्बाद हो जाएगा। ये चीन के लिए बेहद बुरा होगा। इसके लिए चीन पाकिस्‍तान को वो हर जरूरी मदद मुहैया करवाता है, जिससे उसकी सेना भारतीय सीमा पर अशांति कायम कर सके।

लद्दाख में हुई कारगुजारी की दूसरी बड़ी वजह चीन पर कोरोना महामारी की जांच को लेकर बन रहा दबाव है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत ने चीन के खिलाफ किसी ऐसे मसौदे पर हस्‍ताक्षर किए हों, जिसमें इस महामारी और इसके स्रोत की जांच करने की मांग की गई थी। इतना ही नहीं अमेरिका की तरफ से लगातार चीन पर प्रतिबंध लगाए जा रहो हैं और कोरोना वायरस को लेकर उसको जिम्‍मेदार ठहराया जा रहा है। बख्‍शी इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि इनसे ध्‍यान भटकाने के लिए चीन भारत से लगती सीमा पर अशांति पैदा कर रहा है। इतना ही नहीं जानकारों की राय ये भी है कि हांगकांग में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से पूरी दुनिया का ध्‍यान भटकाने के लिए भी वो एक नए विवाद को जन्‍म देने की कोशिश कर रहा है।

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