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    बचपन में सफाई मंत्री अब असम के सीएम, जानिए इनके बारे में कुछ खास

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 24 May 2016 04:42 PM (IST)

    सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 में डिब्रूगढ़ के छोटे से गांव दिनजान में हुआ। शुरूआती शिक्षा डिब्रूगढ़ से करने के बाद गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से डिग्री ह ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, जेएनएन। असम में पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुत दिलाने वाले सर्वानंद सोनोवाल बचपन से ही कुशाग्र प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने अाज असम के मुख्यमंत्री बन गए। इनका जन्म 31 अक्टूबर, 1962 में डिब्रूगढ़ के छोटे से गांव दिनजान में जनजाति परिवार में हुआ। शुरूआती शिक्षा डिब्रूगढ़ से करने के बाद गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से डिग्री हांसिल की। अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत उन्होने असम स्टूडेंट यूनियन से की।

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    सर्वानंद के बारे में कहा जाता है कि बचपन में ही इनके नेतृत्व क्षमता को देखते हुए स्कूल के समय जब तीसरी और चौथी कक्षा में थे तब इन्हें सफाई मंत्री चुना गया था। सर्वानंद सोनोवाल को मछली पकड़ने का बहुत ज्यादा शौक है। खाली समय में अक्सर वो डिब्रू नदी में मछली पकड़ने जाते हैं। इसके अलावा सोनोवाल को फुटबॉल खेलना पसंद है। बचपन में उनके पास फुटबॉल खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, तो वे लोकल फ्रुट 'टंगा' से खेलते थे। ये उसे टंगा बॉल कहते थे। सर्बानंद का फेवरेट कलर व्हाइट है। उनको यह कलर इतना ज्यादा पसंद है कि उनके घर की सभी दीवारें सफेद रंग की हैं। यहां तक की उनकी अलमारी का कलर भी सफेद ही है।

    सर्वानंद का राजनीतिक सफर
    1992 से 1999 तक वह असम स्टूडेंट यूनियन प्रेसीडेंट रहे।
    2001 में सर्वानंद ने असम गण परिषद को ज्वॉइन किया और उसी साल वो विधायक बने।
    2004 में डिब्रूगढ़ के पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह को हराकर सोनोवाल ने पहली बार लोक सभा में कदम रखा।
    2011 असम गढ़ परिषद में हुई असमानताओं के चलते भाजपा का दामन थामा।
    2012 में उन्हें भाजपा की ओर से असम भाजपा अध्यक्ष बनाया गया।
    2014 में लोकसभा में वापसी करने से पहले सोनोवाल असम के चीफ भी रहे।
    2014 लखीमपुरा से सांसद चुने गए। मोदी सरकार में खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री बने।
    2015 में फिर असम यूनिट के मुखिया बने।
    असम विधानसभा चुनाव 2016 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बने।
    इनके नेतृत्व में भाजपा ने असम विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस को पराजित किया।

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