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    60 देशों के खिलाफ केस लड़ने वाले पाक वकील ने कैसे खाई साल्वे से शिकस्त

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Mon, 22 May 2017 11:58 AM (IST)

    ये ऐसा पहला मौका नहीं है जब खावर कुरैशी ने पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ केस लड़ा हो।

    60 देशों के खिलाफ केस लड़ने वाले पाक वकील ने कैसे खाई साल्वे से शिकस्त

    नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से पक्ष रखने उतरे वकील खावर कुरैशी की आजकल पाकिस्तान में काफी आलोचना हो रही है। उसकी वजह है आईसीजे का फैसला पाकिस्तान के पक्ष में ना आना। लेकिन, आज हम आपको पाकिस्तानी मूल के इस मशहूर वकील के बारे में वह दिलचस्प बातें बताएंगे जो शायद ही पहले आपने सुना होगा।

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    भारत के खिलाफ केस जीता चुका है खावर कुरैशी

    जी हां, खावर कुरैशी की गिनती बड़े इंटरनेशनल मामलों के बेहतरीन वकीलों में होती है। ये ऐसा पहला मौका नहीं है जब खावर कुरैशी ने पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ केस लड़ा हो। कुरैश साल 2016 में पाकिस्तान को एक केस जीता चुका है। यह केस केस हैदराबाद के 7वें निज़ाम उस्मान अली खान के करीब 250 करोड़ रुपये के फंड का था। इस फंड पर निज़ाम के वंशजों, भारत और पाकिस्तान तीनों का दावा था। भारत और निज़ाम के वंशजों के ख़िलाफ यह केस खावर ने लड़ पाकिस्तान को जीत दिलाई थी।

    आईसीजे में भारत के लिए भी लड़ चुके हैं खावर

    ऐसा नहीं है कि पाकिस्तानी मूल का यह वकील खावर कुरैशी सिर्फ भारत के खिलाफ ही केस लड़ा हो बल्कि एक मामले में वह अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत के लिए भी पैरवी कर चुके हैं। साल 2004 में यूपीए सरकार ने एनरान मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए खावर कुरैशी को चुना था। दरअसल अमेरिकी कंपनी एनरान ने महाराष्ट्र के दाभोल पावर प्रोजेक्ट मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत सरकार के खिलाफ 6 अरब डॉलर का दावा ठोंका था। इस मामले को बाद में मध्यस्थता से सुलझाया गया था।

    ब्रिटेन के बड़े वकील में शुमार हैं खावर

    खावर कुरैशी एक पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक है जो सेरले कोर्ट नाम की एक प्राइवेट लॉ फर्म से जुड़े हुए हैं। कुरैशी को साल 2006 में क्वीन्स काउंसिल बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटेन में कुछ खास और बड़े वकीलों को क्वीन्स काउंसल बनाए जाने से इंग्लैंड और वेल्स के कोर्टरूम्स में वकालत करने का अधिकार मिलता है।

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    इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस से खावर का पुराना नाता

    कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर भले ही खावर कुरैशी ने जिस तरह से पक्ष रखा उससे पाकिस्तान नाराज़ हो लेकिन इस पास्तानी मूल के वकील का आईसीजी से काफी पुराना रिश्ता है। 1993 में आईसीजे में वकालत करनेवाले खावर कुरैशी सबसे कम उम्र के वकील थे। खावर उस साल बोस्निया के काउंसल के तौर पर युगोस्लाविया के ख़िलाफ नरसंहार मामले में केस लड़ा था।

    60 देशों के खिलाफ केस लड़ चुके है खावर कुरैशी

    सेरले कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, खावर ने करीब 60 देशों के ख़िलाफ केस लड़ चुके हैं। खावर ज्यादातर इंग्लिश कोर्ट में सभी स्तर पर वकालत कर चुके हैं। 1998-2008 तक खावर पब्लिक इंटरनेशनल लॉ कमेटी के चेयरमैन और बार काउंसिल इंटरनेशनल रिलेशन कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट रहे।

    2013 में ब्रिटिश जज रह चुके है खावर

    ऐसा नहीं है कि खावर का अनुभव सिर्फ वकालत तक है। जनवरी 2013 में खावर हाईकोर्ट के डिप्टी जज नियुक्त किए गए। कोर्ट में जिरह करने के अलावा खावर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाने से लेकर कानून से जुड़े मुद्दों पर लिखते भी रहते हैं। बहरहाल, जिस तरह खावर की कानूनी मामलों की विशेषज्ञता रही है उसके बाद पाकिस्तान भले ही उनके ऊपर ऊंगलियां उठाए लेकिन हकीकत यही है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वह एक बेहतरीन वकील हैं।

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