टुंडा पर लगा था लश्कर फंड के दुरुपयोग का आरोप
आइएसआइ के खासम-खास अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर लश्कर के फंड का दुरुपयोग का आरोप भी लग चुका है। इसको लेकर वर्ष 2006 में लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी से ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आइएसआइ के खासम-खास अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर लश्कर के फंड का दुरुपयोग का आरोप भी लग चुका है। इसको लेकर वर्ष 2006 में लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी से उसके मतभेद हो गए थे। जांच एजेंसियों की मानें तो इसके बाद से टुंडा व लखवी के रिश्तों में खटास पड़ गई थी। मामला बढ़ने पर आइएसआइ को हस्तक्षेप करना पड़ा था। यह भी बताया जाता है कि आइएसआइ ने टुंडा को छह माह तक हिरासत में रखा था। गलती मानने के बाद उसे ईमानदारी से काम करने की नसीहत के साथ आइएसआइ के कुछ तेजतर्रार अफसरों की निगरानी में छोड़ा गया था।
टुंडा ने पूछताछ में बताया कि जमात-उद-दावा का गठन करने के बाद हाफिज सईद ने खुद को लश्कर के आतंकी आपरेशनों को अंजाम देने से अलग कर लिया है। लश्कर का काम जकी उर रहमान लखवी संभालता है। हाफिज सईद केवल दिशा तय करता है। उसे अंजाम तक पहुंचाने का काम लखवी का है। 26/11 मुंबई हमले की योजना आइएसआइ की मदद से लखवी ने ही बनाई थी।
टुंडा ने सत्तर के दशक में दिल्ली में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की राणा प्रताप बाग शाखा में चपरासी की नौकरी की थी। उसे यह काम पसंद नहीं आया और थोड़े दिन बाद ही उसने इसे छोड़ दिया।
बेटा भी आतंकी
टुंडा का तीसरे नंबर का बेटा अब्दुल वारिस भी लश्कर का खूंखार आतंकी है। जम्मू-कश्मीर में उसने कई वारदात को अंजाम दिया है। सुरक्षा बलों ने मुठभेड के बाद अब्दुल को गिरफ्तार किया था। भारतीय जेल में सात साल की सजा काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था। टुंडा ने बताया कि वारिस अब पाकिस्तान में है। लश्कर में वह अब भी सक्रिय है।
बड़ा बेटा 48 का तो छोटा तीन साल का
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, टुंडा के परिवार में तीन पत्िनयों जरीना, मुमताज तथा आशिमा के अलावा सात बच्चे थे। लेकिन सबसे बड़ा बेटा लापता है। हालांकि, चर्चा है कि वह लश्कर आतंकी था, जो किसी मुठभेड़ में मारा गया। टुंडा की पत्िनयां तथा छह बच्चे अभी लाहौर में रहते हैं। इस समय टुंडा के बड़े बेटे की उम्र 48 साल है, जबकि छोटा मात्र तीन साल का है।
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