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    आरएसएस घोर राष्ट्रवादी संगठन, टकराव का जवाब सकारात्मक राजनीति से दूंगी : बेदी

    By Murari sharanEdited By:
    Updated: Wed, 21 Jan 2015 05:54 PM (IST)

    भाजपा की मुख्यमंत्री प्रत्याशी किरण बेदी ने, जिनका आरएसएस से कभी नाता नहीं रहा, संघ को घोर राष्ट्रवादी संगठन बताया है। बेदी ने कहा कि संघ ने देश को एकजुट रखा है। उन्होंने कहा कि वे आप के नेता अरविंद केजरीवाल की टकरावकारी राजनीति का जवाब सकारात्मक राजनीति से देने

    नई दिल्ली। भाजपा की मुख्यमंत्री प्रत्याशी किरण बेदी ने, जिनका आरएसएस से कभी नाता नहीं रहा, संघ को घोर राष्ट्रवादी संगठन बताया है। बेदी ने कहा कि संघ ने देश को एकजुट रखा है। उन्होंने कहा कि वे आप के नेता अरविंद केजरीवाल की टकरावकारी राजनीति का जवाब सकारात्मक राजनीति से देने के लिए राजनीति में आई हैं। मकर संक्रांति पर भाजपा में शामिल हुई और चार दिन बाद ही 19 जनवरी को दिल्ली की मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषिषत की गई बेदी ने संघ को बहुत अनुशासित संगठन करार दिया।

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    उन्होंने कहा कि संघ राष्ट्र निर्माण में लगा है। विशेष चर्चा में बेदी ने कहा, '28 दिसंबर 2013 को आप के नेता अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के एक माह बाद ही राजपथ पर उनके धरने ने मुझे बहुत धक्का पहुंचाया। इसके बाद ही मैंने दिल्ली को टकराववादी राजनीति से बचाने के लिए राजनीति में प्रवेश का विचार किया था। मैं दिल्ली को बचाने के लिए राजनीति में आई।'

    केजरीवाल का इसलिए विरोध -

    केजरीवाल के राजनीति में आने से दिल्ली में भारी उथल-पुथल हुई।

    -उनकी राजनीति आंदोलनकारी है, जिसे भारतीय बहुत बुरा मानते हैं।

    -दिल्ली में जो होता है, वह देश में होता है और देश को प्रभावित करता है। टकराव व धरने की राजनीति से दिल्ली तीन दिन तक [मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल ने धरना दिया था] ठप रही।

    -जो व्यक्ति खुद को तानाशाह कहता हो, उससे व्यवस्था सुधार की उम्मीद कैसे संभव है।

    संघ की तारीफ में यह कहा

    लोग संघ को सही अर्थो में नहीं जानते।

    -मैं उन्हें बहुत अनुशासित मानती हूं।

    -वह घोर राष्ट्रवादी संगठन है।

    -संघ युवा पीढ़ी को अनुशासन सीखा रहा है।

    बहस की चुनौती क्यों नहीं ली

    -दो साल पहले मैंने खुद सोनिया गांधी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से सीधी बहस के लिए कहा था।

    -तब सोनिया गांधी ने कहा कि वह इस ड्रामा में भाग नहीं लेना चाहतीं।

    -मैं सकारात्मक राजनीति चाहती हूं, झग़़डा-फसाद की नहीं।

    राजनीति परिवर्तन का माध्यम केजरीवाल के राजनीति में आने पर उनकी आलोचना करने संबंधी सवाल पर बेदी ने कहा कि राजनीति परिवर्तन की वाहक, सुधारों का माध्यम और शासन चलाने का साधन है। इन्हीं उद्देश्यों के साथ वह भाजपा में आई हैं।

    अन्नाआंदोलन पूरा हुआ बेदी ने कहा कि अण्णा हजारे का आंदोलन पूरा हो चुका था। वह उसकी तार्किक परिणति पर जा चुका था। हम और ज्यादा वक्त जाया नहीं कर सकते। जनता विकास व प्रगति की प्रतीक्षा कर रही है। वह सुशासन, विकास व निवेश चाहती है। मोदी के बचाव के लिए मुझे नहीं लाए किरण बेदी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली चुनाव में भाजपा की पराजय की स्थिति बनने पर मोदी को बचाने के लिए उन्हें नहीं लाया गया। दरअसल भाजपा मेरे जैसे लोगों को पार्टी में नई तरह की राजनीति के उद्देश्य से ला रही है।

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