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    केरल: नदी बेसिन पर्यटन परियोजना के लिए मंजूर किये गए 300 करोड़ रुपए

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jun 2017 02:52 PM (IST)

    केरल के मालाबार के लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए मंजूर किये। केंद्र की स्वदेश दर्शन परियोजना में शामिल करने पर किया जा रहा विचार... ...और पढ़ें

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    केरल: नदी बेसिन पर्यटन परियोजना के लिए मंजूर किये गए 300 करोड़ रुपए

    तिरुवनंतपुरम (प्रेट्र)। केरल के उत्तरी भाग का मालाबार क्षेत्र अपने प्राकृतिक दृश्यों, विरासत और सांस्कृतिक विशिष्टता के लिए जाना जाता है। बहुत जल्द ही इस स्थल को विश्व पर्यटन नक्शे में जगह मिल जाएगी। इस क्षेत्र की अप्रयुक्त पर्यटन क्षमता का पता लगाने के उद्देश्य से, केरल सरकार ने मालाबार के लिए 300 करोड़ रुपये की नदी बेसिन पर्यटन परियोजना की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है।

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    "यह एक बहुत ही व्यापक परियोजना होगी जिसके लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। हमें उम्मीद है कि वे इसे केंद्र सरकार के स्वदेश दर्शन परियोजना में शामिल करने पर विचार करेंगे।" पर्यटन मंत्री कदकंपली सुरेंद्रन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में ये बातें कहीं।

    परियोजना की विभिन्न विशेषतों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, परियोजना के क्रियान्वयन के साथ ही छुट्टियां बिताने आने वाले लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक उत्सव और क्षेत्र के जातीय भोजन का आनंद ले सकते हैं। वे यहां लगभग 193 किलो मीटर के नदी क्रूज का भी आनंद उठा सकते हैं। पर्यटकों के लिए वातानुकूलित नाव और बायो टॉयलेट लांच किये जायेंगे। इसके अलावा क्षेत्र में उनके ठहरने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। अन्य पहलुओं पर उन्होंने बताया कि, वर्षा ऋतु के समय क्षेत्र की सुंदरता की तरफ लोगों को आकर्षित करने के लिए मानसून पर्यटन पैकेज लांच किया जाएगा, क्योंकि सरकार पूरे वर्ष पर्यटन की संभावनाएं तलाशना चाहती है।

    बरसात के मौसम की संभावनाओं को देखते हुए हम वायनाड और अलापुज़हा जिलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मानसून पैकेज शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मलप्पुरम और कोट्टक्कुन्नु में दो रोमांचकारी पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत विरासत की इमारतों को भी पुनर्निर्मित करने की योजना है। पिछले यूडीएफ सरकार द्वारा सीप्लेन परियोजना के संबंध में उन्होंने कहा कि कोई उद्यमी पर्याप्त लाइसेंस और मंजूरी के साथ आता है तो विभाग इस पर विचार करेगा। "लेकिन सरकार बिना किसी भी मंजूरी के या ऐसे किसी उद्यम की संभावना तलाशने के लिए बुनियादी ढांचों के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने के पक्ष में नहीं है।