केजरी ने हंगामेदार रैली में भाजपा-कांग्रेस को कोसा
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का गुजरात दौरे का चौथा दिन भी रोमांचक और नाटकीय रहा। केजरीवाल ने दौरे के अंतिम दिन अहमदाबाद में पूर्व मंजूरी के बिना नरेंद्र मोदी के विधानसभा क्षेत्र मणिनगर समेत कई इलाकों में रोड शो किया। इसके बाद बापू नगर के विजय चौक में जनसभा कर भाजपा-कांग्रेस को जमकर कोसा।
अहमदाबाद [राज्य ब्यूरो]। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का गुजरात दौरे का चौथा दिन भी रोमांचक और नाटकीय रहा। केजरीवाल ने दौरे के अंतिम दिन अहमदाबाद में पूर्व मंजूरी के बिना नरेंद्र मोदी के विधानसभा क्षेत्र मणिनगर समेत कई इलाकों में रोड शो किया। इसके बाद बापू नगर के विजय चौक में जनसभा कर भाजपा-कांग्रेस को जमकर कोसा।
मोदी को उद्योगपतियों का हितैषी बताने के साथ ही कांग्रेस पर मोदी के साथ मिलीभगत का आरोप जड़ा। राज्य के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल को तो अंबानी का दामाद तक बता डाला। केजरी के दौरे की तरह ही उनकी रैली भी हंगामेदार रही। जनसभा में मोदी मोदी के नारेबाजी के बीच काले झंडे लहराए गए। पत्थर भी हवा में उछाले गए लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात को संभाला। विरोध के बीच केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों को मंच पर आकर बात करने का न्योता भी दिया।
अरविंद केजरीवाल शनिवार सुबह एक खुले वाहन पर रोड शो के लिए निकले। मोदी के विस क्षेत्र मणिनगर में यातायात बाधित होने पर पुलिस ने थोड़ी देर के लिए काफिले को रोका। इसके बाद केजरीवाल समर्थकों के साथ बापूनगर के विजय चौक स्थित जनसभा स्थल पर पहुंचे। अनियंत्रित भीड़, काले झंडे दिखाते लोग, मोदी-मोदी के नारे लगाते प्रदर्शनकारियों को लठियाए जाने के बीच केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर उद्योगपतियों का हितैषी होने का आरोप लगाते हुए कहा, वह विकास को ढोल पीट कर देश को गुमराह कर रहे हैं।
गुजरात में विकास चंद लोगों का ही हुआ है। हरियाणा की तरह ही मोदी सरकार भी किसानों की जमीनें उद्योगपतियों को दे रही है। कच्छ में सिख किसानों की जमीन हड़पने की साजिश की जा रही है। गैस के दाम पर भाजपा-कांग्रेस को मिला हुआ बताते हुए कहा, रिलायंस समूह के मुखिया मुकेश अंबानी के खिलाफ ना राहुल बोलते हैं ना ही मोदी।
उन्होंने कहा, भाजपा आम आदमी पार्टी पर कांग्रेस से मिलीभगत का आरोप लगाती है जबकि उसकी खुद ही कांग्रेस से सांठगांठ हैं। अमेठी में राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ने की हिम्मत ना मोदी दिखा सकते हैं और ना ही सुषमा स्वराज या अरुण जेटली। भाजपा व कांग्रेस दोनों दल एक दूसरे के मामले छिपाने का काम करते आए हैं।