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सिब्बल का आरोप, तीन हत्याओं में शामिल रहे हैं शाह

राजनीतिक तंत्र तथा संसद से आपराधिक तत्वों के सफाये के भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के वादे के कुछ ही घंटे के भीतर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उन्हीं पर सनसनीखेज आरोप लगाया। तुलसीराम प्रजापति हत्याकांड की सीबीआइ से जांच कराने की मांग करते हुए सिब्बल ने कहा कि इस मामले में मोदी 'संभावित आरोपी' हैं।

By Edited By: Published: Mon, 21 Apr 2014 01:58 PM (IST)Updated: Mon, 21 Apr 2014 11:57 PM (IST)
सिब्बल का आरोप, तीन हत्याओं में शामिल रहे हैं शाह

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए कांग्रेस ने आठ साल पुराने मामले का सहारा लिया है। पार्टी ने अहमदाबाद में हुए सोहराबुद्दीन, कौसर बी और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में मोदी के करीबी अमित शाह की संलिप्तता व मामले के मुख्यमंत्री कार्यालय की जानकारी में होने के गंभीर आरोप लगाए हैं। दस साल तक केंद्र की सत्ता पर काबिज रही पार्टी ने सीबीआइ की जांच पर भी सवाल उठाया है। पार्टी ने इस मामले में मोदी की भूमिका की जांच न करने के एजेंसी के फैसले को कटघरे में खड़ा करते हुए पराग शाह की गिरफ्तारी और मोदी से पूछताछ के लिए देश भर की अदालतों से गुहार भी लगाई है।

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कांग्रेस प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मोदी व उत्तर प्रदेश में भाजपा चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे शाह पर जमकर निशाना साधा। सिब्बल ने 2005 से 2006 के बीच शाह, आइपीएस पांडियन राजकुमार, डीजी बंजारा और पराग शाह की बातचीत का ब्योरा समाने रखते हुए मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, 'तुलसी प्रजापति ने अपनी मां के अलावा कई लोगों को बताया था कि उसे गुजरात सरकार के कुछ शक्तिशाली मंत्रियों, अधिकारियों से खतरा है। ऐसे में उसका किसी भी वक्त एनकाउंटर हो सकता है।' सिब्बल ने आरोप लगाया कि गुजरात में मुख्यमंत्री कार्यालय को तुलसी प्रजापति के एनकाउंटर की जानकारी थी। उन्होंने सीबीआइ की चार्जशीट का हवाला देते हुए शाह पर तीन हत्याओं में संलिप्त होने का आरोप भी जड़ा। उन्होंने ट्रुथ ऑफ गुजरात वेबसाइट का हवाला देते हुए दावा किया कि जेल में बंद बंजारा से अमित शाह की कई बार बातचीत हुई है। इस मामले में अमित शाह, पांडियन राजकुमार, डीजी बंजारा और पराग शाह के बीच सात दर्जन से ज्यादा बार बात हुई। 26 दिसंबर, 2006 में हुए तुलसीराम प्रजापित केस में साफ हो चुका है कि यह फर्जी मुठभेड़ थी। सिब्बल ने हैरानी जताई कि सीबीआइ ने अब तक पराग शाह को गिरफ्तार क्यों नहीं किया और मोदी की जांच क्यों नहीं की। हालांकि, जब उनसे गुजरात के स्नूपगेट मामले की जांच के लिए जज की नियुक्ति करने में केंद्र की असफलता पर सवाल किया गया तो वह कन्नी काट गए।

'कांग्रेस के जीरो लॉस मैन अब विकास और सुशासन जैसे असली मुद्दों से हटकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।'-मीनाक्षी लेखी, भाजपा प्रवक्ता

'हम मोदी के हरदोई में दिए बयान का स्वागत करते हैं, लेकिन जब वह तीन हत्याओं में संलिप्त अमित शाह जैसे लोगों को उत्तर प्रदेश में कमान सौंपते हैं, तब उनकी नीयत पर शक होता है।'-कपिल सिब्बल, कांग्रेस प्रवक्ता

पराग शाह की भूमिका पर सवाल

सिब्बल के आरोपों के मुताबिक पराग शाह को 2003 से 2004 के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सेवा आइटी के पद पर तैनाती मिली थी। वह आतंक निरोधी दस्ते के साइबर सेल से संबद्ध थे। कुछ समय पहले तक यह जानकारी उनके लिंक्डइन प्रोफाइल में दर्ज भी थी, लेकिन शक होने पर उन्होंने इसे मिटा दिया। पराग इससे पहले पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के पद पर रहते हुए जून, 1998 से दिसंबर, 1998 तक सहायक रह चुके हैं। कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक पराग भी घटनाक्रम के दिनों में राजकुमार पांडियन और अमित शाह के संपर्क में थे।

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