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    तिहाड़ की जेल नंबर-3 में कन्हैया को रखा गया, 2 मार्च तक है न्यायिक हिरासत

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2016 06:02 AM (IST)

    कन्हैया को तिहाड़ की जेल नंबर 3 की सेल में रखा गया है। इससे पहले अफजल गुरु को भी जेल नंबर 3 में रखा गया था। सुरक्षा के लिहाज से कन्हैया को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। कन्हैया ने जेल अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

    नई दिल्ली। कन्हैया को तिहाड़ की जेल नंबर 3 की सेल में रखा गया है। इससे पहले अफजल गुरु को भी जेल नंबर 3 में रखा गया था। सुरक्षा के लिहाज से कन्हैया को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। कन्हैया ने जेल अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

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    नहाने-खाने के बाद कन्हैया देखना चाहता था टीवी


    कन्हैया को अकेला रखा गया है। ताकि उसपर कोई हमला न कर सके। बुधवार को जेल में पहुंचते ही कन्हैया ने नहाने की इच्छा जताई। नहाने के बाद उसने खाने में दाल, चावल, रोटी और मिक्स वेज खाया। कड़ी सुरक्षा में रखे गए कन्हैया ने जेल में टीवी देखने की इच्छा जताई थी। लेकिन सेल में टीवी की सुविधा नहीं दी जाती है।

    कोर्ट से जेल तक झेलता रहा विरोध


    पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के बाद कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब वह दो मार्च तक जेल में रहेगा। पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से कन्हैया को ले जाने के दौरान वकीलों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. कोर्ट परिसर में कन्हैया का मेडिकल टेस्ट कराया गया। उसे कोर्ट के लॉकअप तक ले जाने में पुलिस को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रास्ते में करीब 150 वकील खड़े थे और नारेबाजी कर रहे थे। हालात के मद्देनजर पुलिस को कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट के पिछले गेट से ले जाना पड़ा।

    कन्हैया का आरोप, कोर्ट परिसर में भीड़ ने पीटा


    कन्हैया ने कोर्ट में एक बयान दिया। उसने कहा कि कोर्ट परिसर में भीड़ ने उसके साथ मारपीट की. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए पांच वकीलों पर पत्थर फेंके गए। उनके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट के वकीलों के एक धड़े ने नारेबाजी भी की।


    सुप्रीम कोर्ट ने भेजे थे पांच वकील


    सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था कायम करने में नाकाम रही। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए पांच वकील पटियाला हाउस पहुंचे थे। सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को पटियाला हाउस में हुई घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान उस पर हमला हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रूम खाली करने का आदेश दिया। बाद में सुनवाई रोक दी गई वकीलों की टीम ने SC को बताया कि कोर्ट परिसर में हमारे ऊपर भी बोतल और पत्थर फेंके गए।

    वकीलों और जेएनयू के छात्रों में हाथापाई


    पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान बुधवार दोपहर एक बार फिर अराजकता दिखी। वकीलों और जेएनयू के छात्रों के बीच झड़प तो हुई ही, वकीलों ने कन्हैया कुमार के साथ धक्कामुक्की भी की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को तलब किया है।

    वकीलों के गुट भी आपस में भीड़े


    जेेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी से पहले वकीलों ने देशद्रोहियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान वकील दो गुटों में बंट गए और उनके बीच मारपीट शुरू हो गई. कोर्ट के बाहर पुलिस मौजूद रही लेकिन किसी तरह से वकीलों के हंगामे पर काबू नहीं पा सकी।


    पत्रकारों पर फेंके गए पत्थर


    पेशी के दौरान वकीलों ने कन्हैया कुमार के साथ धक्का मुक्की और मारपीट की। वकीलों ने कन्हैया को कोर्ट ले जाते समय घेर लिया और पिटाई की। यही नहीं, उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों पर पत्थर भी फेंके।

    वकीलों ने छात्रों पर लगाया आरोप


    वकीलों ने कहा कि जेएनयू के लड़के वकीलों के कपड़े पहनकर आए थे और ध्यान भटकाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, 'किसी वकील ने एक भी छात्र या पत्रकार पर हाथ नहीं उठाया. वकील देश को बचाना चाहते हैं और देश के खिलाफ काम करने वालों को रोकेंगे. वकीलों के भेष में जेएनयू के छात्रों ने मारपीट की है। वकीलों ने हाथों में तिरंगा लेकर नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला और कहा, 'हमारी कोर्ट में घुसकर जो मारपीट करेगा वो बचेगा नहीं.'


    पिछले हंगामे का मास्टरमाइंड वकील भी था मौजूद

    बुधवार को ही सुबह सुप्रीम कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा के मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान पुलिस को व्यवस्था कायम रखने के सख्त निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ ही घंटों में पुलिस के सारे दावों की पोल खुल गई. पुलिसकर्मी कोर्ट के बाहर खड़े सब कुछ देखते रहे और वकील अराजकता करते रहे. दो दिन पहले कोर्ट के बाहर मारपीट करने वाले वकील विक्रम सिंह चौहान ने दूसरे वकीलों के साथ मिलकर 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए.

    सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब


    पटियाला हाउस कोर्ट में हुए बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि आदेश के बावजूद पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए. सुप्रीम कोर्ट हालात का जायजा लेने के लिए पांच वकीलों की टीम भी पटियाला हाउस कोर्ट भेजी है.

    सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए थे ये निर्देश


    दिल्ली पुलिस कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करे। कोर्ट परिसर में नारेबाजी पर पूरी तरह रोक लगे। कोर्ट रूम में सिर्फ केस से जुड़े वकीलों को ही जाने दिया जाए। कोर्ट के अंदर सिर्फ पांच मीडियाकर्मी ही प्रवेश करें। कोर्ट परिसर में कुल 25 मीडियाकर्मियों को जाने दिया जाए। एडिटर्स गिल्ड मीडियाकर्मियों के नाम उपलब्ध कराए।