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    जस्टिस ढींगरा करेंगे वाड्रा के भूमि सौदों की जांच

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 15 May 2015 12:47 PM (IST)

    रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीन सौदों की जांच के लिए हरियाणा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाने वाले जस्टिस एसएन ढींगरा भूमि सौदों की जांच करेंगे।

    जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीन सौदों की जांच के लिए आखिरकार हरियाणा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाने वाले विशेष जज रह चुके जस्टिस एसएन ढींगरा वाड्रा की कंपनी के भूमि सौदों की जांच करेंगे। जस्टिस ढींगरा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश हैं। उन्हें छह माह के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

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    हरियाणा सरकार ने जस्टिस ढींगरा को गुडग़ांव के सेक्टर 83 में टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा कामर्शियल कालोनी विकसित करने के लिए दिए गए लाइसेंस में बरती गई अनियमितताओं की जांच सौंपी है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक गुडग़ांव के सेक्टर 83 में 2.701 एकड़ भूमि के आवंटन में नियमों को दरकिनार किया गया था। कैग ने भूमि आवंटन पर अपनी रिपोर्ट में कई सवाल उठाए हैं। कैग की रिपोर्ट के अनुसार कुल 63.40 एकड़ भूमि प्राइवेट डेवलेपर्स को दी जानी थी। इसके लिए 14 आवेदन आए और उनमें वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हास्पिटेलिटी सबसे आखिरी 14वें नंबर पर थी।

    वाड्रा की कंपनी के आवेदन पर विचार करने के लिए भूमि आवंटन का क्षेत्र भी बढ़ाकर 71.202 एकड़ किया गया। इसमें ग्रीन बेल्ट की भूमि भी शामिल है।

    ग्रीन बेल्ट और सेक्टर रोड का क्षेत्र योजनाबद्ध एरिया में शामिल नहीं किया जा सकता। स्काइलाइट हास्पिटेलिटी के मामले में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने आंतरिक रोड और हरित पट्टी के अधीन क्षेत्र को सम्मिलित कर लिया। वाड्रा की कंपनी को मिले लाभ के बाद दो और कंपनियों के मामले में भी हुड्डा सरकार को नियम दरकिनार करने पड़े थे। यह बात कैग ने अपनी रिपोर्ट में मानी है।

    लाइसेंस प्राइवेट बिल्डर को बेचने की भी होगी जांच

    जस्टिस एसएन ढींगरा के नेतृत्व वाला आयोग गुडग़ांव में सेक्टर 83 की जगह के लिए मिले लाइसेंस को प्राइवेट बिल्डर को स्थानांतरित करने या बेचने की भी जांच करेगा। भूमि के लाभार्थी से जुड़े अन्य जमीन सौदों की भी जांच आयोग करेगा। सरकार ने भूमि सौदे व लाइसेंस देने में बरती गई अनियमितताओं की शिकायतें मिलने पर यह जांच आयोग गठित करने का फैसला लिया है।

    आयोग भूमि सौदों में आपराधिक षड्यंत्र, नियमों की अवहेलना, सरकारी अधिकारियों या व्यक्तियों के शामिल होने पर कार्रवाई को लेकर भी सुझाव देगा।

    न्यायिक आयोग इन बिंदुओं पर भी करेगा जांच

    - क्या लाभार्थी हरियाणा सरकार और टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के मौजूदा कानून, नियम, सरकुलर, अधिसूचना और दिशा-निर्देशों के तहत लाइसेंस के लिए पात्र था?

    - क्या लाभार्थी कानून, नियमों, सरकुलर, अधिसूचना और दिशा निर्देशों के तहत इतने कम समय में अपने लाइसेंस का हस्तांतरण कर सकता था?

    - क्या टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने लाइसेंस की मंजूरी और हस्तांतरण के समय हुए लेनदेन से राज्य सरकार को हुई राजस्व हानि का कोई आंकलन किया था?

    वाड्रा ने अपने अंदाज में दिया जवाब

    सूट बूट वाले जीजाजी को लेकर हरियाणा के मंत्री अनिल विज के बयान का रॉबर्ट वाड्रा ने अपने अंदाज में जवाब दिया है। विज ने ट्वीट किया था तो इसके लिए वाड्रा ने फेसबुक का सहारा लिया है। विज ने कहा था कि राहुल गांधी के सूट बूट वाले जीजाजी के खिलाफ जमीन सौदों की जांच के लिए कमीशन बनेगा। इसी के जवाब में वाड्रा ने फेसबुक पर सूट बूट वाली तस्वीर पोस्ट की और उस पर लिख दिया, सूट बूट जी।