मोदी सरकार पर सर्वे में बढ़त से भाजपा की बांछे खिली
गर्म विवादों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार रहने के सर्वे से उत्साहित भाजपा ने विपक्ष को सलाह दी है कि वह नकारात्मक राजनीति छोड़े और सरकार के काम में सहयोग करें।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले 22 महीनों में विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों और गर्म विवादों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार रहने के सर्वे से उत्साहित भाजपा ने विपक्ष को सलाह दी है कि वह नकारात्मक राजनीति छोड़े और सरकार के काम में सहयोग करें। इसी बहाने भाजपा ने यह भी याद दिलाया कि पिछले वर्ष में कई सर्वे हुए और राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक कोई भी मोदी के आसपास भी नहीं टिकता है। वहीं पार्टी के अंदर और राष्ट्रवाद की पिच पर ही और आगे चलने का विश्वास भी बढ़ गया है।
गौरतलब है कि एक मीडिया के सर्वे में लोगों ने मोदी सरकार के आर्थिक प्रदर्शन को 86 फीसद वोट दिया तो रोजगार सृजन के मामले में 62 फीसद लोगों ने माना कि सरकार अच्छा काम कर रही है। 58 फीसद लोग भाजपा के उस चुनावी नारे पर भरोसा रख रहे हैं कि अच्छे दिन आएंगे। यह सर्वे ऐसे समय में आया है जब विपक्ष इन्हीं मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी थी। बल्कि सर्वे ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर छिड़ी बहस में भी भाजपा का ही साथ दिया। सर्वे के अनुसार 46 फीसद लोगों का मानना है कि जेएनयू प्रकरण में कांग्रेस ने गलती की थी तो 52 फीसद लोग सरकार की ओर से की गई कार्रवाई को उचित मानते हैं।
जाहिर तौर पर सर्वे से उत्साहित भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब तो विपक्ष की आंखें खुलनी चाहिए। उन्हें बेबुनियाद और भ्रामक दुष्प्रचार और अवरोध की राजनीति छोड़कर मोदी सरकार के सकारात्मक काम को आगे बढ़ाना चाहिए। श्रीकांत ने सर्वे का हवाला देते हुए कहा दस के मानक पर लोगों ने मोदी को 8 अंक दिया है जबकि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को 3.61 का स्कोर मिला है। वित्तमंत्री अरुण जेटली भी 6 अंक पर हैं। श्रीकांत ने कहा कि सर्वे विपक्षी दलों के लिए आइना है। उन्होंने 2015 में अमेरिकी सर्वेक्षण एजेंसी प्यू समेत कई अन्य सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन दे रही है। यही कारण है कि जनता के दिलों पर मोदी राज करते हैं। विपक्षी को हकीकत समझनी चाहिए और क्षुद्र राजनीति की बजाय सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए।
वहीं राष्ट्रवाद की पिच पर ही मजबूती से आगे बढ़ने का पार्टी में आत्मविश्वास भी पैदा हो गया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी इसका संकेत दिया था।
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