पटेल का सरपंच से प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर
नक्सली हमले में शनिवार को मारे गए छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1
रायपुर। नक्सली हमले में शनिवार को मारे गए छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1979 में सरपंच के रूप में की थी। वे प्रखंड विकास समिति रायगढ़ के सदस्य चुने गए थे। पहली बार 5 मार्च, 1990 को पटेल विधायक चुने गए। इसके बाद 1990, 1993, 1998, 2003 और 2008 में वे विधायक बने और 1998 में मंत्री बने। अप्रैल, 2011 में उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। पटेल का जन्म 8 नवंबर, 1953 को हुआ था। उनका विवाह नीला से हुआ था। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। इसमें दिनेश पटेल, सरोजनी पटेल, शशिकला पटेल और उमेश पटेल शामिल हैं।
सभी बेटे-बेटियों को शादियां हो चुकी है। बेटे दिनेश पटेल, जो कि उनके साथ ही हमले में मारे गए, की दो साल पहले शादी हुई थी। नंद कुमार पटेल मध्य प्रदेश विधान सभा की पुस्तकालय समिति के अप्रैल 1994 में अध्यक्ष बने। जनवरी, 1996 को पहली बार वे राज्यमंत्री बनाए गए थे। उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के लिए राज्यमंत्री के रूप में भी काम किया। मार्च 1998 से दिसंबर 1998 तक उन्होंने मध्य प्रदेश में गृह राज्यमंत्री के रूप में काम किया। दिसंबर 1998 से अक्टूबर 2000 तक दिग्विजय सिंह के साथ मध्य प्रदेश में गृह और विमानन विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। 12 नंबवर, 2000 को छत्तीसगढ़ में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद 2003 तक गृह, जेल, परिवहन कैबिनेट मंत्री रहे। 2009 से 2011 तक छत्तीसगढ़ लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहे। (नई दुनिया)
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