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    मांझी ने दिया इस्‍तीफा, दिए नई पार्टी बनाने के संकेत

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Fri, 20 Feb 2015 02:09 PM (IST)

    विधानसभा में शक्ति परीक्षण से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार सुबह राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया। मांझी के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार समर्थकों में जश्न का माहौल है। संभावना जताई जा रही है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। नीतीश के आवास

    नई दिल्ली। विधानसभा में शक्ति परीक्षण से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार सुबह राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया। मांझी के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार समर्थकों में जश्न का माहौल है। संभावना जताई जा रही है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। नीतीश के आवास पर जदयू विधायकों की बैठक चल रही है।

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    उधर, मांझी ने कहा कि विधानसभा स्पीकर के रवैये से परेशान थे। विधायकों को धमकी मिल रही थी। विधानसभा में कुछ भी हो सकता था। गुप्त मतदान होता, तो 40 से 52 जदयू विधायक उनके साथ होते। लेकिन राज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया था कि गुप्त मतदान का प्रावधान नहीं है। इससे विधायक डर रहे थे। इसी डर की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वे अपने विधायकों समर्थकों को परेशानी में नहीं डालना चाहते थे। मांझी ने नीतीश के खिलाफ अपने आरोपों को दुहराया।

    इस बीच विधानसभा में अभूतपूर्व राजनीतिक संकट दिखा। राज्यपाल का पत्र पहुंचा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे की वजह से वे अभिभाषण देने नहीं आ रहे। जदयू के नेता विजय चौधरी कुछ कहना चाहते थे, लेकिन बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

    गौरतलब है बिहार में आज से ही बजट का सत्र शुरू होना था। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के अभिभाषण के बाद मांझी को बहुमत साबित करना था, लेकिन संख्याबल नहीं होने की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। रात तीन बजे तक समर्थन जुटाने की कोशिश चलती रही, लेकिन बहुत सफलता नहीं मिली। इसके बाद मांझी ने इस्तीफे का फैसला किया। मांझी के साथ बीजेपी के 87 विधायकों के अलावा जेडी(यू) के 13-14विधायक थे। बीजेपी ने गुरुवार को ही मांझी के समर्थन में वोट डालने का फैसला किया था। विधानसभा का दस्तावेजी गणित मांझी के अनुकूल नहीं था। जदयू से निष्कासित होने के बाद मांझी विधानसभा में खुद असंबद्ध सदस्य थे और उनकी कैबिनेट के आठ में सात मंत्री जदयू से निलंबित सदस्य हैं। विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर जदयू का संख्याबल 109 है।

    मांझी ने दिए नई पार्टी बनाने के संकेत

    मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जदयू के अपने समर्थक कार्यकर्ताओं का 28 फरवरी को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में सम्मेलन बुलाया है। इसमें नई पार्टी के गठन की घोषणा हो सकती है।

    मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा कि 28 फरवरी को उन्होंने अपने समर्थकों की श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में सम्मेलन बुलाया है। कहा कि वहां सबकी राय बनी तो हम नई पार्टी भी बना सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार में नब्बे के दशक के बाद चल रही पिछड़ा राजनीति से मोहभंग के बाद सूबे में दलित राजनीति का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। मांझी की यह नई पार्टी इसी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करेगी।

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