Move to Jagran APP

जेसिका हत्याकांड: अभिनेता मुंशी पर चलेगा मुकदमा

नई दिल्ली [जासं]। बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बयान से मुकरने के लिए बॉलीवुड अभिनेता श्यान मुंशी और बैलेस्टिक एक्सपर्ट पीएस मनोचा के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया। इस मामले में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। कोर्ट ने 17 अन्य गवाहों को गलत बयान व साक्ष्य देने के आरोप से बरी कर दिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल शिकायत दर्ज कराएंगे।

By Edited By: Published: Wed, 22 May 2013 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2013 09:35 PM (IST)
जेसिका हत्याकांड: अभिनेता मुंशी पर चलेगा मुकदमा

नई दिल्ली [जासं]। बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बयान से मुकरने के लिए बॉलीवुड अभिनेता श्यान मुंशी और बैलेस्टिक एक्सपर्ट पीएस मनोचा के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया। इस मामले में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। कोर्ट ने 17 अन्य गवाहों को गलत बयान व साक्ष्य देने के आरोप से बरी कर दिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल शिकायत दर्ज कराएंगे।

loksabha election banner

जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस जीपी मित्तल की बेंच ने यह आदेश दिया है। दिसंबर, 2006 में जेसिका लाल हत्याकांड का फैसला सुनाते वक्त हाई कोर्ट ने गवाहों के बयान से पलट जाने के बारे में स्वत: संज्ञान लिया था और इस बारे में अभियोजन पक्ष की फटकार भी लगाई थी। हाई कोर्ट बेंच ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मामला मुख्य न्यायाधीश के विचारार्थ भेजा है। इसकी वहां पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जाएगी।

अप्रैल, 1999 में दिल्ली में कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने जेसिका लाल नाम की युवती की गोली मारकर तब हत्या कर दी थी, जब उसने एक पार्टी के दौरान देर रात शराब देने से इन्कार कर दिया था। यह पार्टी सोशलाइट बीना रमानी के रेस्टोरेंट में चल रही थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आरोपी को बरी करने के फैसले को पलट दिया था और मनु शर्मा को दोषी मानते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

फिल्म अभिनेता श्यान मुंशी भी घटना के वक्त वहां मौजूद थे और पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया था। बाद में सुनवाई के दौरान वह मुकर गए और अदालत में कहा कि वह हिन्दी जानते ही नहीं हैं। मामले के कुल 31 पक्षद्रोही गवाहों में से केवल 19 ही मुकदमे की सुनवाई के दौरान बयान देने के लिए उपलब्ध रहे। जबकि तीन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। हाई कोर्ट ने बुधवार को जिन 17 गवाहों को बरी किया है उनमें सोशलाइट अंदलीब सहगल, बैलेस्टिक एक्सपर्ट रूप सिंह व प्रेम सागर, इलेक्ट्रिशियन शिवशंकर दास और प्रत्यक्षदर्शी जगन्नाथ झा हैं।

कौन है श्यान मुंशी

श्यान मुंशी ने मॉडल और अभिनेता के बतौर एक अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन सनसनीखेज जेसिका लाल हत्याकांड ने उनके जीवन में बहुत कुछ बदल दिया। अप्रैल, 1999 में जब मॉडल जेसिका लाल की हत्या हुई, श्यान मुंशी उस घटना के चश्मदीद थे।

कोलकाता के एक डॉक्टर परिवार में जन्मे श्यान मुंशी घटना के समय दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे थे और मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख चुके थे। मामले की सुनवाई के समय मुंशी ने कहा कि पुलिस की एफआइआर हिंदी में है और उन्हें हिंदी समझ में नहीं आती। आरोपी की पहचान मैंने नहीं, पुलिस ने की है। बाद में एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में वह धाराप्रवाह हिंदी बोलते पाए गए और उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वह हिंदी लिख-पढ़ भी सकते हैं।

इस हत्याकांड की सुनवाई के दौरान 2003 में मुंशी ने संजय घोष की फिल्म 'झंकार बीट्स' में काम किया। बाद में फिल्म 'आहिस्ता आहिस्ता', 'माई ब्रदर निखिल' और 'होम डिलीवरी' में भी दिखाई दिए। मुंशी ने 2006 में बंगाली अभिनेता और निर्देशक अनजान दत्ता की फिल्म 'बॉन्ग कनेक्शन' में मुख्य भूमिका भी निभाई। मुंशी ने वीडियो से जॉकी से अभिनेत्री बनीं पिया राय चौधरी से शादी की लेकिन बाद में तलाक हो गया। मुंशी के फिल्मी कैरियर ने उन्हें फिल्म जगत में एक पहचान तो जरूर दिलाई लेकिन आज भी लोग उन्हें सबसे पहले इसी बात के जानते हैं कि वे जेसिका लाल मर्डर केस के चश्मदीद हैं, जो अपने बयान से मुकर गया और जांच में बाधा पहुंचाई। मुंशी आखिरी बार 2010 में बंसीवाला फिल्म में दिखाई दिए थे।

हत्याकांड में कब क्या हुआ

-29 अप्रैल (देर रात), 1999- जेसिका लाल की दक्षिण दिल्ली में स्थित एक रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

-2 मई, 1999- दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा की टाटा सफारी कार नोएडा से बरामद की।

-6 मई, 1999-मनु शर्मा ने चंडीगढ़ की कोर्ट में समर्पण किया, बाद में उप्र के बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव व अन्य नौ को गिरफ्तार किया गया।

-23 नवंबर, 2000-सेशन कोर्ट ने मनु शर्मा व अन्य आठ के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोप तय किए। जबकि रवींद्र सुडान नामक आरोपी को भगोड़ा घोषित किया गया।

-3 मई, 2001-शिकायतकर्ता व चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी ने अपना बयान दर्ज कराया और पूर्व में दिए गए बयान से मुकर गया। उसने मनु शर्मा को भी कोर्ट में पहचानने से इन्कार कर दिया।

-21 फरवरी, 2006-निचली अदालत ने सभी नौ आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

-13 मार्च, 2006-दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी।

-18 दिसंबर, 2006- दिल्ली हाई कोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव, अमरदीप सिंह गिल को दोषी करार दिया जबकि अन्य छह आरोपियों को बरी कर दिया।

-20 दिसंबर, 2006-हाई कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल को चार-चार साल कैद की सजा दी। उसी दिन इस मामले में मुकर गए गवाहों के मामले में छपी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान भी लिया।

-2 फरवरी, 2007-मनु शर्मा ने अपनी सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

-19 अप्रैल, 2010-सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील खारिज कर दी और उसकी सजा को बरकरार रखा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.